UP khad subsidy farmers benefit: उत्तर प्रदेश में खाद की कमी नहीं है। ऐसे में जो लोग कालाबाजारी कर रहे हैं उन पर सख्ती कसी जाएगी। वहीं, रबी सीजन का लक्ष्य 138.78 लाख हेक्टेयर है।
UP Agriculture Subsidy 2025: उत्तर प्रदेश सरकार इस बात का जिक्र करते हुए दिखाई दी हैं कि पूरे राज्य में किसानों के लिए खाद और उर्वरक की किसी भी तरह से कमी नहीं है। सभी जगह पर्याप्त मात्रा में खाद मौजूद है। किसानों को किसी प्रकार की कोई दिक्कत न हो, इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को लगातार इस मामले में मॉनीटरिंग करने के निर्देश दिए हैं। सरकार ने कालाबाजारी और ओवररेटिंग पर सख्त रुख अपनाया है। कृषि विभाग ने मंडलवार खाद की उपलब्धता के ताजा आंकड़े जारी किए हैं।
उत्तर प्रदेश में खाद भंडार की क्या है स्थिति?
कृषि विभाग की माने तो राज्य में कुल 6.04 लाख मीट्रिक टन यूरिया, 3.93 लाख मीट्रिक टन डीएपी और 3.02 लाख मीट्रिक टन एनपीके मौजूद है। इसका मतलब है कि खरीफ सीजन के दौरान किसानों के लिए खाद का अच्छा खासा भंडार मौजूद है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किसानों से अपील की है कि वे खाद का अनावश्यक भंडारण न जमा करें। उन्हें जितनी जरूरत है, उतनी ही मात्रा में उसे जमा करके रखें। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार किसानों के हितों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और समय-समय पर खाद की उपलब्धता व वितरण पर नजर रख रही है।
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किसानों को मिल रहा इस तरह से सब्सिडी का लाभ
सीएम योगी आदित्यनाथ सरकार किसानों के हित में लगातार कदम उठा रही है। यूरिया का असली मूल्य 2,174 रुपये प्रति बैग है, लेकिन सब्सिडी के चलते यह किसानों को मात्र 266.50 रुपये में उपलब्ध कराया जा रहा है। समय से खाद, बीज और सिंचाई सुविधाओं की वजह से प्रदेश का खाद्यान्न उत्पादन बढ़कर 737 लाख मीट्रिक टन तक पहुंच चुका है। कृषि क्षेत्र से जुड़ा जीएसवीए, जो सपा शासन के दौरान 2 लाख करोड़ रुपये था, अब बढ़कर 7 लाख करोड़ रुपये हो गया है।
खाद की कालाबाजारी करने वालों पर हो रही लगातार कार्रवाई
खरीफ 2024-25 में अब तक 32.07 लाख मीट्रिक टन खाद की बिक्री हुई है, जो पिछले वर्ष से 4.5 लाख मीट्रिक टन अधिक है। रबी 2025-26 सीजन के लिए सरकार ने 138.78 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में खेती का लक्ष्य निर्धारित किया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 4 लाख हेक्टेयर अधिक है। किसानों को 10 लाख क्विंटल अनुदानित बीज और लगभग 12.80 लाख मिनी किट उपलब्ध कराई जाएंगी, जबकि गन्ना किसानों को दलहन-तिलहन की बोआई के लिए नि:शुल्क बीज दिए जाएंगे। सीमावर्ती जनपदों में खाद-यूरिया की तस्करी रोकने के लिए चौकसी बढ़ाई गई है और कालाबाजारी, जमाखोरी तथा तस्करी करने वालों पर कड़ी कार्रवाई लगातार जारी है।
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खाद उपलब्धता की सम्पूर्ण स्थिति मीट्रिक टन में (को-ऑपरेटिव व प्राइवेट स्टॉक मिलाकर)
मंडल - यूरिया - डीएपी - एनपीके
सहारनपुर- 17195 - 6980 - 3062
मेरठ- 39104 - 16864 - 8625
आगरा- 47476 - 29917 - 21267
अलीगढ़- 30562 - 21151 - 16068
बरेली- 42938 - 20566 - 27914
मुरादाबाद- 50991 - 18057 - 29796
कानपुर- 47586 - 41946 - 32375
प्रयागराज- 52395 - 21479 - 25262
झांसी- 28090 - 26146 - 16367
चित्रकूट- 24891 - 10885 - 3802
वाराणसी- 44445 - 27120 - 14643
मीरजापुर- 15860 - 7448 - 3878
आजमगढ़- 37589 - 24160 - 9034
गोरखपुर- 32634 - 25601 - 15650
बस्ती- 12848 - 10322 - 4571
गोंडा- 17418 - 19934 - 8953
लखनऊ- 38920 - 37675 - 36488
अयोध्या- 23448 - 27616 - 24530
कुल- 604391 - 393867 - 302284
