सार

जयप्रकाश नारायण की जयंती पर लखनऊ में उनके म्यूजियम को बैरिकेड्स लगाकर बंद कर दिया गया है, जिससे सपा और भाजपा के बीच तनाव बढ़ गया है। सपा ने आरोप लगाया है कि उनके कार्यालय के बाहर भी पुलिस बैरिकेड्स लगा दिए गए हैं।

JP Jayanti: जेपी जयंती पर लखनऊ का राजनीतिक तापमान बढ़ता जा रहा है। राजधानी में जय प्रकाश नारायण इंटरनेशनल सेंटर में स्थित उनके म्यूजियम को राज्य सरकार ने टिन के बैरिकेड्स लगाकर बंद कर दिया है। जयंती पर समाजवादी पार्टी यहां उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण करने वाली थी। कार्यक्रम के एक दिन पहले रातों-रात हुई इस कार्यवाही से सपा और बीजेपी आमने-सामने आ गई है।

गुरुवार की देर रात जेपीएनआईसी की एंट्री को टिन के चादरों से बैरिकेड्स कर दिया गया। सुबह इन गेट्स पर भारी मात्रा में पुलिस बल तैनात कर दिया गया।

सपा मुखिया के आवास व पार्टी ऑफिस के बाहर भी पुलिस बैरिकेड्स

समाजवादी पार्टी, जेपीएनआईसी में स्थित जय प्रकाश की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने वाली थी। अखिलेश यादव यहां जाने वाले थे। उधर, समाजवादी पार्टी ने आरोप लगाया कि ऑफिस के बाहर बड़ी संख्या में पुलिस का पहला लगाने के साथ हर ओर बैरिकेड्स लगा दिए गए हैं ताकि कोई आ जा न सके।

 

 

पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने पुलिस बैरिकेड्स का वीडियो साझा करते हुए बीजेपी पर हमला बोला है। उन्होंने कहा: चाहे भाजपा के लोग हों या उनकी सरकार, उनका हर काम नकारात्मकता का प्रतीक है। समाजवादी लोगों को जयप्रकाश नारायण जी जयंती पर उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण करने से रोकने के लिए, पिछली बार की तरह, हमारे निजी आवास के चारों ओर बैरिकेड्स लगा दिए गए हैं।

 

 

अखिलेश यादव ने कहा: सरकार टिन की चादरों से गेट बंद करके क्या छिपाना चाहती है? यहां एक संग्रहालय बनाया गया था। हम एक महान व्यक्ति, एक समाजवादी विचारक को श्रद्धांजलि देना चाहते हैं। सरकार ऐसा क्यों कर रही है? यह सरकार डरी हुई है लेकिन क्या उनकी (जेपी नारायण की) विचारधारा को रोका जा सकता है?

पिछले साल भी हुआ था बवाल

बीते साल भी अखिलेश यादव को साइट पर जाने की अनुमति नहीं दी गई थी। लेकिन पूर्व सीएम अखिलेश जबरिया वहां पहुंचे। उन्होंने दीवार फांदकर जेपी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया था।

2016 में अखिलेश यादव ने किया था उद्घाटन

जय प्रकाश नारायण इंटरनेशनल सेंटर का उद्घाटन समाजवादी पार्टी के मुखिया व यूपी के तत्कालीन सीएम अखिलेश यादव ने 2016 में किया था। हालांकि, 2017 में बीजेपी के सत्ता में आने के बाद जेपी सेंटर का निर्माण रोक दिया गया था। जेपीएनआईसी का रखरखाव लखनऊ विकास प्राधिकरण की जिम्मेदारी है।

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