योगी सरकार ने कहा कि राज्य कर विभाग में तैनाती केवल परफॉर्मेंस के आधार पर होगी। जीएसटी के नए सुधारों से बाजार में तेजी आने का अनुमान, 55,000 करोड़ राजस्व की प्राप्ति, फर्जी फर्मों पर कार्रवाई और टैक्स बढ़ाने पर पूरा जोर।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य कर विभाग की राजस्व प्राप्तियों की समीक्षा करते हुए स्पष्ट कहा है कि फील्ड में तैनाती का आधार केवल अधिकारियों की प्रदर्शन क्षमता यानी ‘परफॉर्मेंस’ पर होगा। उन्होंने कहा कि हर उस अधिकारी को तैनात किया जाएगा जिसकी छवि साफ और लक्ष्य प्राप्ति में प्रतिबद्धता निश्चित हो।

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जोनल अधिकारियों से सीधी बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जीएसटी में हुए ‘नेक्स्ट जेनरेशन रिफॉर्म’ से बाजार में गति आई है और आने वाले महीनों में इसके सकारात्मक असर साफ नजर आएंगे। साथ ही उन्होंने धनतेरस व दीपावली के दौरान अनावश्यक छापेमारी और जांच से बचने का निर्देश दिया ताकि व्यापारियों पर अतिरिक्त बोझ न पड़े।

कर विभाग के आंकड़े और समीक्षा

फिलहाल, सितंबर तक राज्य कर विभाग ने 55,000 करोड़ रुपये की आय प्राप्त की है, जिसमें 40,000 करोड़ जीएसटी से और 15,000 करोड़ वैट/नॉन-जीएसटी से आए हैं। इससे पता चलता है कि बरेली, सहारनपुर, मेरठ, गोरखपुर और झांसी जैसे जोनों का प्रदर्शन काफी बेहतर है।

सीएम योगी ने इस दौरान सभी जोनों की संभागवार और खंडवार समीक्षा कर अधिकारियों को निर्देश दिए कि जो खंड 50 प्रतिशत से कम संग्रह कर रहे हैं, उनकी जवाबदेही तय कर सुधार योजना बनाएं। भी पुराने जोनों की स्थिति का भी बारीक विश्लेषण किया गया।

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फर्जी आईटीसी और भ्रष्टाचार के विरुद्ध सख्त कदम

बैठक में बोगस फर्मों और फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) पर विशेष ध्यान दिया गया। अब तक ₹873.48 करोड़ के फर्जी दावों की खोज हो चुकी है, जिनके खिलाफ कार्रवाई जारी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्व संग्रह में पारदर्शिता सर्वोपरि होगी और हर कमी पर कड़ी समीक्षा कर सुधार किये जाएंगे।

बाजार में और वृद्धि के लिए उठाये जाएंगे ठोस कदम

सीएम योगी ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे मार्केट मैपिंग करें, व्यापारियों से संवाद बढ़ाएं, और जीएसटी पंजीकरण व समय पर रिटर्न फाइलिंग को प्राथमिकता दें। उन्होंने बताया कि मंडी शुल्क में कमी से किसानों और व्यापार दोनों को लाभ हुआ है, और यह तरीका उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को नई राह देगा।

योगी सरकार का लक्ष्य: प्रदेश को राष्ट्रीय जीएसटी संग्रह में अग्रणी बनाना

प्रदेश के लिए वित्तीय वर्ष 2025-26 में राजस्व लक्ष्य ₹1.75 लाख करोड़ निर्धारित किया गया है, जो पिछली वित्तीय वर्ष की तुलना में लगभग ₹18,700 करोड़ अधिक है। मुख्यमंत्री ने सभी अधिकारियों को निर्धारित लक्ष्यों की पूर्ण प्राप्ति का संकल्प दिलाते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश को जीएसटी संग्रह के क्षेत्र में देश में अग्रणी बनना होगा। उन्होंने कहा, “राजस्व की वृद्धि ही राज्य की समृद्धि और विकास का आधार है। हर रुपया प्रदेश के विकास को गति देगा।”

प्रमुख निर्देश और भावी योजनाएं

  • अनावश्यक छापामारी से बचें, व्यापारिक समुदाय का उत्पीड़न न हो।
  • सभी करदाताओं के लिए मित्रवत, पारदर्शी कर प्रशासन सुनिश्चित करें।
  • बकाया वसूली और लंबित मामलों का शीघ्र निपटान करें।
  • डिजिटल और ई-गवर्नेंस प्रणालियों को और मजबूत बनाएं।
  • सीएम योगी की यह समीक्षा प्रदेश के राजस्व सिस्टम को पारदर्शी, कुशल और जवाबदेह बनाने की स्पष्ट दिशा दिखाती है, जो उत्तर प्रदेश को विकसित भारत की ओर ले जाएगी।

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