सार
रिलायंस जियो ने 5जी नेटवर्क से जुड़ा एक ऐसा अनोखा डिवाइस लॉन्च किया है, जिससे पशु ने कब खाया-पीया, कितना खाया-पीया, जुगाली की या नहीं और बीमारी के संकेत बता देगा। कंपनी ने जियो समृद्धि डिवाइस को कामधेनु बताया है।
टेक न्यूज। भारत में 5जी सर्विस लॉन्च हो चुकी है। हालांकि, इसे अभी देश के 13 चुनिंदा शहरों में ही शुरू किया गया है और आने वाले वर्षों में यह चरणबद्ध तरीके से विभिन्न राज्यों-शहरों में शुरू की जाएगी। माना जा रहा है कि डिजिटल प्लेटफॉर्म पर यह सर्विस बेहद क्रांतिकारी साबित होगी और मानव जीवन को कई तरह से फायदा पहुंचाएगी। वहीं, अब रिलायंस जियो एक ऐसी 5जी डिवाइस लेकर सामने आया है, जो पशुओं के लिए और पशुपालकों के लिए भी फायदेमंद साबित होने वाली है।
इस डिवाइस का नाम है जियो गौ समृद्धि ऐप। इस डिवाइस के जरिए पशुओं और पशुपालकों दोनों को राहत मिलेगी। दावा किया जा रहा है कि जियो गौ समृद्धि डिवाइस ऐसी तकनीक पर विकसित की गई है, जिससे यह सामने आएगा कि पशुओं के बीमार होने का कोई संकेत है या नहीं। जैसे ही पशुओं में किसी तरह छोटी-मोटी या गंभीर किस्म के बीमारी के लक्षण पनपेंगे, पशुपालकों को इसका संकेत मिल जाएगा और वे पशुओं का समय रहते उचित इलाज इलाज करा सकेंगे।
पशुओं की रोज की एक्टिविटि और बीमारी का संकेत देगा अनोखा डिवाइस
यही नहीं, इस डिवाइस के जरिए पशुपालक अपने पशु की रोज की एक्टिविटि की जानकारी भी हासिल कर सकेगा। मसलन, उसने क्या और कितनी देर खाया। जुगाली कब की और कितनी देर की। पानी कब पीया और कितना पीया। दावा किया जा रहा है कि यह डिवाइस खेत के लिए भी काफी उपयोगी साबित होगी। हाल ही में कोरोना महामारी के बीच लंपी वायरस का कहर सभी ने देखा है। पश्चिम और उत्तर भारत के कई राज्यों में हजारों पशुओं की इस गंभीर संक्रामक बीमारी से मौत हो गई। दावा किया जा रहा है कि इस डिवाइस के जरिए कई गंभीर बीमारियों पर भी लगाम कसी जाएगी।
डिवाइस के जरिए पशुपालकों और किसानों को अलर्ट भेजा जाएगा
रिलायंस जियो की ओर से पेश किया गया यह अद्भुत जियो गौ समृद्धि 5जी डिवाइस करीब चार इंच का है और एक्टिव होने के बाद पांच साल तक काम करेगा। यानी हर पांचवें साल पशुपालकों को डिवाइस बदलना होगा। यह पशुओं के गले में घंटी की तरह बंधा रहेगा। इससे पशुओं के मोशन और मूवमेंट डिटेक्ट किए जाएंगे। दरअसल, पशुओं को जब कोई बीमारी होती है, तो वे जुगाली करना बंद कर देते हैं या कम कर देते हैं। यह सब कुछ डिवाइस के जरिए पशुपालक को अलर्ट करेगा। इससे उसकी जांच कराकर बीमारी का उचित इलाज हो सकेगा। यही नहीं, पशु कब गर्भधारण कर सकता है, इसका उचित समय भी बताएगा। रिलायंस इंडस्ट्री इस तकनीक को कामधेनु बता रही है। कंपनी का दावा यह भी है कि इस डिवाइस के जरिए खेती में भी मदद ली जा सकेगी, क्योंकि हय मिट्टी की सेहत की जानकारी भी दे सकता है। इसके अलावा, फसलों पर कीड़े के हमले की जानकारी भी देगा। ऐसे में माना जा रहा है कि किसान और पशुपालक भी 5जी तकनीक का इस्तेमाल कर इसका फायदा उठा सकते हैं।
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