सार

Apple ने अपने कूपर्टिनो मुख्यालय से लगभग 185 कर्मचारियों को निकाल दिया है, जिनमें ज्यादातर भारतीय बताए जा रहे हैं। खबरों के मुताबिक, उन्हें एक वित्तीय धोखाधड़ी घोटाले में शामिल होने के आरोप में बर्खास्त किया गया है।

 

न्यूयॉर्क : दुनिया की सबसे अमीर कंपनियों में से एक, Apple ने अपने कूपर्टिनो मुख्यालय से लगभग 185 कर्मचारियों को निकाल दिया है। इनमें से ज्यादातर भारतीय बताए जा रहे हैं। खबरों के मुताबिक, उन्हें एक वित्तीय धोखाधड़ी घोटाले में शामिल होने के आरोप में बर्खास्त किया गया है। बताया जा रहा है कि ये कर्मचारी आपल के कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) कार्यक्रम का गलत इस्तेमाल कर रहे थे। इस प्रोग्राम के तहत, आपल गैर-लाभकारी संस्थाओं को दिए गए कर्मचारियों के दान के बराबर राशि खुद भी दान करती है। यानी गैर-लाभकारी संस्थाओं को दोगुनी रकम मिलती है। लेकिन, आपल के कर्मचारी इन गैर-लाभकारी संस्थाओं के साथ मिलकर अपने दान की गई राशि वापस ले लेते थे और कंपनी द्वारा दिया गया दान अपने पास रख लेते थे। इस घोटाले में शामिल होने के आरोप में अब तक छह लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

बर्खास्त किए गए 185 कर्मचारियों में से ज्यादातर भारतीय हैं। उन पर अमेरिका में तेलुगु चैरिटी संस्थाओं का अपने वित्तीय लाभ के लिए दुरुपयोग करने का आरोप है। सांता क्लारा काउंटी डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी कार्यालय के अनुसार, आपल को पिछले तीन सालों में लगभग 152,000 डॉलर (लगभग 1.26 करोड़ रुपये) का चूना लगाया गया है।

ये कर्मचारी गैर-लाभकारी संस्थाओं को फर्जी दान करते थे। आपल भी उतनी ही राशि का मिलान करके दान करती थी। इन गैर-लाभकारी संस्थाओं में अमेरिकन चाइनीज इंटरनेशनल कल्चरल एक्सचेंज (ACICE) और Hop4Kids शामिल हैं। आपल का आरोप है कि ये संस्थाएं कर्मचारियों के साथ मिलीभगत कर रही थीं। आपल से पैसा मिलने के बाद, ये संस्थाएं कर्मचारियों को उनके द्वारा दिया गया दान वापस कर देती थीं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, Hop4Kids के CEO और ACICE के अकाउंटेंट के रूप में काम करने वाले सिउ की (एलेक्स) क्वान इस घोटाले के मास्टरमाइंड हैं।

आरोपी 6 लोगों में क्वान, याथेई (हेसन) यूयेन, याट सी (सनी) नग, वेंटाओ (विक्टर) ली, लिचाओ नी और झेंग चांग शामिल हैं। अब उन पर फर्जी दान करने और टैक्स छूट के लिए इन फर्जी लेनदेन का इस्तेमाल करने का आरोप है। यह कॉर्पोरेट नीतियों और अमेरिकी कर कानूनों का उल्लंघन है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, बर्खास्त किए गए कई कर्मचारी भारतीय समुदाय से जुड़ी गैर-लाभकारी संस्थाओं के साथ काम कर रहे थे। आपल ने अभी तक इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है।