सार
साल 2023 से टेक कंपनियों में छंटनी का दौर खत्म नहीं हो रहा हैं। जुलाई के आखिर तक लगभग 1 लाख लोगों को नौकरी से निकाला जा चुका हैं। वहीं, साल 2024 में दुनियाभर की 384 कंपनियों में से 1 लाख 24 हजार 517 कर्मचारी निकाले जा चुके हैं।
टेक डेस्क. बीते दो सालों में टेक इंडस्ट्री में छंटनी का दौर शुरू हुआ, जो खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। साल 2024 में भी इस इंडस्ट्री की बड़ी-बड़ी कंपनियां अपने कर्मचारियों को नौकरी से निकाल रही है। इसमें कई कंपनियां ऐसी है, जिसमें नौकरी से निकालने के लिए साइलेंट लेऑफ का इस्तेमाल कर रही है। जुलाई के आखिर तक लगभग 1 लाख लोगों को नौकरी से निकाला जा चुका हैं। वहीं, साल 2024 में दुनियाभर की 384 कंपनियों में से 1 लाख 24 हजार 517 कर्मचारी निकाले जा चुके हैं।
सिर्फ जुलाई 2024 में ही 34 टेक कंपनियों से 8000 लोगों को नौकरी से निकाला जा चुका है। इसमें इंटेल और माइक्रोसॉफ्ट जैसी दिग्गज कंपनियां शामिल हैं।
इंटेल से 15 लोगों की नौकरी गई
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इंटेल ने बीते दिनों 15 हजार से ज्यादा लोगों को नौकरी से निकाला हैं। कंपनी ने अपने वर्कफोर्स में 15% की कमी गई है। कंपनी ने इसके पीछे का कारण 10 अरब डॉलर की बचत करना है। फिलहाल कंपनी के रेवेन्यू में भारी कमी देखी गई है। इसके अलावा कंपनी ने डिविडेंड पर भी रोक लगा दी गई है। इसके अलावा माइक्रोसॉफ्ट ने बीते दो महीनों में 1 हजार लोगों को नौकरी से निकाला है।
इन दिग्गज टेक कंपनियों में छंटनी
यूकेजी जो कि एक सॉफ्टवेयर कंपनी है, उसने लगभग 2200 लोगों की छंटनी है। कैलिफोर्निया की सॉफ्टवेयर कंपनी इंटुइट ने भी अपने वर्कफोर्स से 10% की कटौती किया है। ऐसे में 1800 लोगों की छुट्टी हो गई हैं। इसके अलावा ब्रिटिश कंपनी डायसन ने भी 1000 लोगों को नौकरी से निकाला है।
भारत में इन कंपनियों ने की अपने एम्पलाइज की छुट्टी
भारत में भी दुनिया भर में चल रही छंटनी का असर देखने को मिलता है। इनमें बेंगलुरु के स्टार्टअप रेशामंडी ने 80% कर्मचारियों की छंटनी की है। एडटेक कंपनी ने 250, वेकूल ने 200, पॉकेट FM ने 200, बंजी ने 220 और हंबल गेम्स ने सारे कर्मचारियों को नौकरी से निकाला है।
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