सार
गूगल का यह फीचर अभी टेस्टिंग फेज में है। साल के अंत तक कुकीज को हटाने के लिए फुल रोलआउट का कंपनी प्लान कर रही है। इसे लेकर कुछ एवर्टाइजर का यह भी कहना है कि इससे उन्हें काफी नुकसान हो सकता है।
टेक डेस्क : अब कोई भी वेबसाइट किसी की प्राइवेसी में सेंध नहीं लगा पाएंगी। इसके लिए Google क्रोम ब्राउजर में नया फीचर जुड़ गया है। यह फीचर थर्ड-पार्टी कुकीज को डिसेबल करने का काम करता है। दरअसल, कुकीज छोटी फाइल्स होती हैं जो आपके डिवाइस में स्टोर हो जाती हैं। ये एनालिटिक डेटा कलेक्ट कर ऑनलाइन एड्स को पर्सनलाइज और ब्राउजिंग को मॉनिटर करती है। शुरुआत में गूगल क्रोम ब्राउजर का नयाफीचर सिर्फ 1 प्रतिशत ग्लोबल यूजर्स यानी करीब 30 मिलियन लोगों के लिए ही उपलब्ध है।
सभी यूजर्स के लिए कब आएगा गूगल क्रोम का नया फीचर
बताया जा रहा है कि गूगल का यह फीचर अभी टेस्टिंग फेज में है। साल के अंत तक कुकीज को हटाने के लिए फुल रोलआउट का कंपनी प्लान कर रही है। इसे लेकर कुछ एवर्टाइजर का यह भी कहना है कि इससे उन्हें काफी नुकसान हो सकता है। बता दें कि गूगल क्रोम दुनिया का सबसे पॉपुलर इंटरनेट ब्राउजर है। नए फीचर को लेकर गूगल का कहना है कि रैंडमली सेलेक्ट किए गए यूजर्स से पूछा जाएगा कि क्या वे ज्यादा प्राइवेसी के साथ ब्राउजिंग करने की सोच रहे हैं। कंपनी ने बताया कि Chrome से थर्ड पार्टी कुकीज को कई फेज में खत्म करने की दिशा में काम कर रहे हैं।
अस्थाई री-इनेबल का ऑप्शन
गूगल की तरफ से बताया गया कि अगर कोई वेबसाइट थर्ड-पार्टी कुकीज के बिना काम नहीं करती है और क्रोम नोटिस कर रहा है कि इससे परेशानी बढ़ रही है तो आप उस वेबसाइट्स के लिए थर्ड-पार्टी कुकीज को अस्थायी रूप से री-इनेबल कर सकेंगे। गूगल का कहना है कि वो इंटरनेट को ज्यादा प्राइवेट बनाने पर तेजी से काम कर रहा है। हालांकि, ये भी सच है कि कई वेबसाइट्स कुकीज विज्ञापन बेचने पर ही पूरी तरह निर्भर हैं। इससे उ्हें नुकसान भी हो सकता है।
कुकीज और प्राइवेसी का संबंध
- कुकीज से यूजर्स की कई जानकारियां निकाली जा सकती हैं.
- साइट पर आप क्या करते हैं?
- दुनिया में आप किस जगह हैं?
- कौन सा डिवाइस यूज कर रहे हैं?
- कहां-कहां ऑनलाइन आते हैं?
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