सार
आज के डिजिटल दौर में एडवांस आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस जैसे नई टेक्नीक वाली कंपनियों का दबदबा दिखाई है। मौजूदा डाटा बिजनेस को समझने के लिए सिर्फ अकादमिक प्रैक्टिस नहीं बल्कि कंपीटिटीव मार्केट को भी समझना होगा।
Understanding Data Businesses. हमारे आसपास तेजी से डेवलप हो रहे डिजिटल दौर में एडवांस आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस जैसे बड़ी टेक्निक वाली कंपनियों का दबदबा दिखाई दे रहा है। मौजूदा बिजनेस को समझने के लिए सिर्फ अकादमिक प्रैक्टिस नहीं बल्कि कंपीटिटीव मार्केट को भी समझना होगा। साथ ही इफेक्टिव पॉलिसी को भी जानना होगा। यह नई तकनीकी हमारी डेली लाइफ को कैसे प्रभावित कर रही है, यह साफ है। हम जो विज्ञापन देखते हैं, न्यूज पढ़ते हैं, यह कंज्यूमर और प्रोडक्ट बनाने वाली कंपनियां, दोनों के लिए महत्पवूर्ण हो जाता है। डिजिटली हम जो पाते हैं, वह डाटा है। इसी डाटा का बड़ा और बिजनेस परपज से भी उपयोग किया जाता है।
क्या है डाटा बिजनेस-कितना कीमती डाटा
अगर अपको डाटा बिजनेस समझना है तो सबसे पहले डाटा की कीमत को जानना होगा। आज के कारपोरेट दिग्गज पहले के उद्योगपतियों से अलग हैं। आज सभी डाटा केंद्रित हैं, जिसका मतलब है कि सबसे मूल्यवान डाटा ही है। एक्सपर्ट्स ने इसे दो तरह से विभाजित किया है। पहला है डाटा इनेबल्ड और दूसरा है एडवांस डाटा। जहां तक डास सर्विस (DaaS) वाली कंपनियों की बात है तो वे केवल डाटा का उपयोग ही नहीं करती बल्कि इसे प्रोडक्ट बना देती हैं। इसमें डाटा को सेंटर में रखकर मॉडर्न बिजनेस में क्रांति ला दी गई है। दूसरा है डाटा एनेबल्ड बिजनेस, यह अपनी सर्विस को और बेहतर बनाने के लिए डाटा का उपयोग करते हैं। कंपीटिटीव मार्केट में बढ़त बनाने के लिए वे डाटा को ट्रेडिशनल बिजनेस मॉडल से जोड़ देते हैं।
DaaS कंपनियों का निर्माण और विकास
DaaS कंपनी शुरू करने की जर्नी चैलेंजिंग और मल्टी डायमेंशनल है। शुरूआत में इन कंपनियों को स्टांग डाटा इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने में इंवेस्टमेंट करना पड़ता है। इस लेवल पर फंड की ज्यादा जरूरत पड़ती है। इसके लिए पर्याप्त साधनों और विशेषज्ञता की जरूरत होती है। जब एक बार आपके डाटा का बुनियादी ढ़ांचा तैयार हो जाता है तो संचालन की लागत कम होने लगती है। हालांकि चैलेंजेस बने रहते हैं और इसकी लगातार मॉनिटरिंग की जरूरत होती है। जिस तरह से मार्केट में कंपीटिशन है, ऐसे में आपको हमेशा अपने डाटा को अपडेट रखना पड़ता है। इस तरह की निरंतरता रहती है तो डास कंपनियां तेजी से आगे बढ़ती हैं।
प्रसिद्ध अर्थशास्त्री हैल वेरियन डाटा बिजनेस की तीन विशेषताएं बताई हैं। सबसे पहला यह कि डाटा गैर-प्रतिद्वंद्वी है। इसका अर्थ है कि किसी एक फर्म द्वारा डाटा उपयोग दूसरे द्वारा इसके उपयोग को नहीं रोकता है। यह विशेषता इसकी कीमत और बढ़ा देती है। दूसरा है डाटा का उपयोग यानि डाटा के उपयोग से बढ़ते रिटर्न को समझना।किसी भी डाटा का इफेक्टिवनेस टाइम बाउंड होता है। कुछ समय के बाद वह डाटा काम का नहीं रहता, ऐसे में रिटर्न कम हो जाता है। तीसरा है डाटा पर नेटवर्क का प्रभाव कितना है। वेरियन सुझाव देते हैं कि इसलिए डाटा अपडेशन सबसे महत्वपूर्ण हो जाता है। DaaS कंपनियों के विकास रिटर्न के क्रम में समझा जा सकता है। डाटा किसी प्रोडक्ट का मूल्य बढ़ा देता है, कस्टमर्स को अट्रैक्ट करता है, डाटा कलेक्शन और रिसर्च को बेहतर करता है। इसी तरह के विकास और विस्तार से डाटा मार्केट में बना रहता है।
डाटा बिजनेस पर पॉलिसी का असर
DaaS कंपनियों का अनूठा बिजनेस मॉडल, पॉलिसी मेकर्स को भी चैलेंज करता है। सबसे ज्यादा सवाल ओपन डाटा को लेकर उठते हैं। तो क्या कच्चे डाटा को और बेहतर तरीके से उपलब्ध कराने पर ध्यान देना चाहिए या फिर कीमती डाटा प्रोडक्ट और सर्विस को सुविधाजनक बनाया जाना चाहिए। तीसरा यह है कि ऐसा मार्केट कुछ प्रमुख लोगों के पास ही सिमटकर रह जाता है। ऐसे में बाजार की कंपीटिटीव पॉलिसी क्या कर सकती है। दरअसल DaaS बिजनेस की अर्थव्यवस्था पर कुछ कंपनिया स्वाभाविक तौर पर हावी हो जाती हैं। इसके अलावा इस बात पर भी बहस बढ़ रही है कि डाटा को कैसे देखा जाना चाहिए। तेल की तरह असीमित संसाधन के तौर पर डाटा के ट्रेडिशनल दृष्टिकोण को चुनौती दी जा सकती है। वहीं, दूसरी तरफ डाटा को मूल्यवान संपत्ति की तरह पहचानने का बदलाव आ रहा है। ऐसे में डिजिटल इकोनॉमी की समझ की जरूरत होती है।
डाटा मार्केट को कैसे पहचानें
डाटा की इतनी विशेषताएं हैं कि यह पुराने सिद्धांतों और मॉडल्स को सीधे चैलेंज करता है। इससे बाजार में प्रतिस्पर्धा, बाजार में प्रभुत्व और मूल्य तय करने के लिए अलग तरह की सोच विकसित होनी चाहिए। जैसे-जैसे DaaS और डाटा बिजनेस के बीच का धुंधला होता जाएगा, वैसे-वैसे बाजार की बारीकियां भी समझ आ जाएंगी। डाटा-फर्स्ट कंपनियों के आने से हमारे डाटा को देखने और उसके साथ इंटरैक्ट करने के तरीके में बदले गए हैं।
यह कंपनियां न केवल संबंधित इंडस्ट्री को नया आकार दे रही हैं बल्कि इकोनॉमिकल और बिजनेस मॉडल के मूल सिद्धांतों को भी परिभाषित कर रही हैं। इनके प्रभाव को देखने के लिए मौजूदा रिसर्च और एनालिसिस को समझना आवश्यक है। हम डाटा सेंट्रिक इकोनॉमी के नए युग में प्रवेश कर रहे हैं। इसलिए डाटा फर्स्ट बिजनेस की समझ महत्वपूर्ण है। डाटा फर्स्ट कंपनियों की तेजी हमारी दुनिया को रोज बदल रही है। इसने हमें उभरते रूझानों को समझन, जानने और सक्रिय तौर पर जुड़ने को अनिवार्य कर दिया है।
यह अंश लेखक के निबंध "द इकोनॉमिक्स ऑफ़ डेटा बिज़नेस" से लिया गया है, जो पहले कार्नेगी इंडिया के न्यूज़लेटर आइडियाज़ एंड इंस्टीट्यूशंस में छपा था।
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