Shraddha Paksha 2022:धर्म ग्रंथों के अनुसार, पितृ पक्ष में श्राद्ध, तर्पण आदि करने से कई तरह के शुभ फल हमें प्राप्त होते हैं। इसके संबंध में कई धर्म ग्रंथों में बताया गया है। महाभारत में इसके संबंध विस्तृत जानकारी मिलती है।
Shraddha Paksha 2022: भाद्रपद मास की पूर्णिमा से अश्विन मास की अमावस्या तक श्राद्ध पक्ष होता है। इन 16 दिनों में पितरों को प्रसन्न करने के लिए श्राद्ध, तर्पण, पिंडदान आदि किया जाता है। इसे पितृ पक्ष भी कहते हैं।
Shraddha Paksha 2022: हिंदू धर्म में श्राद्ध पक्ष का विशेष महत्व माना गया है। मान्यता है कि श्राद्ध पक्ष के दौरान मृत पूर्वज अपने वंशजों को आशीर्वाद देने धरती पर आते हैं। इस दौरान उनकी आत्मा की शांति के लिए विशेष पूजा की जाती है।
Pitru Paksha 2022: हिंदू धर्म में श्राद्ध पक्ष को बहुत ही विशेष समय माना गया है। ये वो समय होता है जब लोग अपने पूर्वजों को याद करते हैं और उनकी आत्मा की शांति के लिए तर्पण, पिंडदान आदि करते हैं। श्राद्ध पक्ष 16 दिनों का होता है।
Shraddha Paksha 2022: धर्म ग्रंथों के अनुसार, मृत्यु के बाद आत्मा पितृलोक में निवास करती है। पितृलोक में निवास करते हुए पूर्वजों की आत्मा अपने वंशजों से ये आशा रखती है कि श्राद्ध के दिनों में वे उनके लिए तर्पण, पिंडदान आदि करेंगे।
Pitru Paksha 2022: हिंदू धर्म में मृत पूर्वजों से संबंधित अनेक परंपराएं हैं। श्राद्ध भी इनमें से एक है। पितृ के श्राद्ध के लिए धर्म ग्रंथों में पितृ पक्ष के 16 दिन तय किए गए हैं। इस बार पितृ पक्ष 10 से 25 सितंबर तक रहेगा।
Pitru Paksha 2022: हिंदू धर्म में श्राद्ध पक्ष का विशेष महत्व है। ये 16 दिनों का एक विशेष समय होता है जब लोग अपने पूर्वजों को याद करते हैं और उनकी स्मृति में दान-पुण्य आदि करते हैं। इस बार श्राद्ध पक्ष 10 से 25 सितंबर तक रहेगा।