उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि हमारे पास सामाजिक और राजनीतिक संघर्ष के लिए इसके अलावा और कोई विकल्प नहीं बचा था। वह नीतीश कुमार की राजनीति के मुरीद रहे हैं। भले ही वह साथ नहीं थे, लेकिन नीतीश की तारीफ करते रहे हैं।
नए गठबंधन में जाने को लेकर ओवैसी और एआईएमआईएम की ओर से अभी कोई बयान नहीं आया है। इससे पहले पूर्व सांसद देवेन्द्र प्रसाद यादव की समाजवादी जनता दल (डी) के साथ ओवैसी के संयुक्त जनतांत्रिक सेकुलर गठबंधन में शामिल होने की चर्चा थी।
आरएलएसपी के प्रवक्ता के बयान से साफ हो रहा है कि पार्टी ने अलग राह पर जाने का फैसला कर लिया है। इस बीच भ्रष्टाचार के मामले में रांची में जेल की सजा काट रहे आरजेडी चीफ लालू यादव ने एनडीए सरकार के खिलाफ नया नारा दिया है।
देरी की वजह से उपेंद्र कुशवाहा की आरएलएसपी और मुकेश साहनी की वीआईपी ने बगावती तेवर दिखाए हैं। दोनों नेताओं ने खुलकर मुख्यमंत्री के चेहरे के तौर पर तेजस्वी यादव के नेतृत्व को अस्वीकार कर दिया।
पेंच ऐसा फंसा है कि कोई भी पार्टी किसी फॉर्मूले पर राजी नहीं है। सहयोगी दल वीआईपी (VIP) के जरिए आरएलएसपी (RLSP) ने तेजस्वी यादव (Tejaswi Yadav) के नेतृत्व पर सार्वजनिक सवाल भी उठाने शुरू कर दिए हैं।