यूपी के उन्नाव में मदरसे के मौलवी ने धर्म परिवर्तन की मंशा से पांच साल के हिंदू बच्चे का खतना कर दिया। परिजन चोट समझकर बच्चे का इलाज करवाते रहे। मामले की जानकारी होने के बाद पुलिस ने आरोपी मौलवी को गिरफ्तार कर लिया है।
पीड़िता के घर से करीब 300 मीटर दूर प्रशासनिक अफसरों ने गड्ढा भी खुदवा दिया। बिना पूछे गड्ढा खुदवाने से पीड़ित परिवार के लोग नाराज हो गए। एडीएम और अपर एसपी पीड़ित परिवार को समझाने पहुंचे तो पीड़ित परिवार ने शव का अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया। उनका कहना था कि जब तक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं कर ली जाती वह शव का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे।
इससे पहले कोर्ट ने नाबालिग से दुष्कर्म मामले में दिसंबर 2019 में कुलदीप सेंगर को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। 9 अप्रैल 2018 को उन्नाव में पीड़ित के पिता की हिरासत में मौत हो गई थी। परिजन ने सेंगर और उसके साथियों पर उनकी हत्या का आरोप लगाया था।
बलात्कार पीड़िता ने पुलिस पर कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आवास के सामने आत्मदाह की कोशिश भी की थी।
वकीलों ने जैसे ही बताया कि न्यायाधीश 2017 के सनसनीखेज उन्नाव दुष्कर्म मामले में दोपहर तीन बजे फैसला सुनाएंगे तो अदालत कक्ष के बाहर स्थिति तनावपूर्ण हो गई।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने उन्नाव दुष्कर्म मामले में आरोपी कुलदीप सिंह सेंगर को लेकर भाजपा पर निशाना साधा। दरअसल, स्वतंत्रता दिवस पर एक स्थानीय अखबार में छपे विज्ञापन में कुलदीप सिंह की फोटो लगी है।
सीबीआई की दो टीमें शुक्रवार पीड़िता व उसके चाचा के खिलाफ दर्ज मामलों की भी जांच करती रही। विधायक के गांव में स्थित वीरेन्द्र सिंह शिक्षा निकेतन इंटर कॉलेज में टीम सबसे ज्यादा देर तक रही।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि विधायक के खिलाफ आरोप तय करने के लिए पर्याप्त सबूत हैं। सेंगर के खिलाफ आइपीसी की धारा 120बी, 363, 366, 109, 376 (आई) और पॉक्सो एक्ट 3और4 के तहत आरोप तय किए गए हैं।
उन्नाव दुष्कर्म मामले को लेकर समाजवादी पार्टी और अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस के सांसदों ने दिल्ली में पीड़िता पर हमला करने का विरोध प्रदर्शन किया।
उन्नाव रेप केस की पीड़िता का रविवार को रायबरेली में एक्सीडेंट हो गया जिसमें उसकी चाची और मौसी की मौत हो गई जबकि पीड़िता और उसका वकील लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर है। सोमवार को हुई छानबीन और अधिकारियों के बयानों को देखते हुए कई सवाल खड़े हो रहे हैं। हम आपको बता रहे हैं आखिर क्यों इस हादसे पर सरकार बैकफुट पर है।