Kab Hai Shani Pradosh Vrat April 2024: हिंदू धर्म में भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए अनेक व्रत बनाए गए हैं, शनि प्रदोष भी इनमें से एक है। ये व्रत दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि को किया जाता है।
16 फरवरी, शुक्रवार को गुप्त नवरात्रि का सातवां दिन रहेगा। इस दिन देवी कालरात्रि की पूजा की जाएगी। इस दिन रथ सप्तमी का पर्व भी मनाया जाएगा। इसे अचला सप्तमी भी कहते हैं। राहुकाल सुबह 11:16 से 12:40 तक रहेगा।
Makar Sankranti 2024 Kab Hai: मकर संक्रांति हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है। जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है तो ये पर्व मनाया जाता है। इस दिन सूर्यदेव की पूजा का विधान है। देश में ये त्योहार अलग-अलग नामों से मनाया जाता है।
Chhath Arghya Timing 2023 Bihar: वैसे तो छठ पूजा का पर्व पूरे देश में बड़े ही उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है, लेकिन बिहार में इसकी रौनक देखते ही बनती है। बिहार के लगभग हर घर में छठी मैया और सूर्यदेव की पूजा इस समय की जाती है
17 सितंबर, रविवार को पहले हस्त नक्षत्र होने से मानस और इसके बाद चित्रा नक्षत्र होने से पद्म नाम के 2 शुभ योग बनेंगे। इनके अलावा इस दिन ब्रह्म, इंद्र, द्विपुष्कर, सर्वार्थसिद्धि और अमृत सिद्धि नाम के 5 अन्य शुभ योग भी रहेंगे।
इसरो के पहले सूर्य मिशन आदित्य-एल1 (Aditya-L1) की लॉन्चिंग के लिए आज काउंटडाउन शुरू होगा। इसे शनिवार को 11.50 बजे अंतरिक्ष में भेजा जाएगा।
25 जून, रविवार को पहले पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र होने से छत्र और इसके बाद उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र होने से मित्र नाम के 2 शुभ योग बनेंगे। साथ ही इस दिन व्यातीपात, सर्वार्थसिद्धि और त्रिपुष्कर नाम के 3 अन्य योग भी रहेंगे।
Bhanu Saptami June 2023: इस बार आषाढ़ मास में सूर्य पूजा का दुर्लभ संयोग बन रहा है। ऐसा संयोग कई दशकों में एक बार बनता है। इस संयोग में की गई सूर्य पूजा हर तरह की परेशानी दूर कर देती है और घर में सुख-समृद्धि प्रदान करती है।
Aaj Ka Panchang: 26 फरवरी, रविवार को कृत्तिका नक्षत्र होने से धूम्र नाम का अशुभ योग दिन रहेगा। इसके अलावा इंद्र, वैधृति और त्रिपुष्कर नाम के 3 अन्य योग भी दिन भर रहेंगे। राहुकाल शाम 4:58 से 6:24 तक रहेगा।
Surya Saptami 2022:धर्म ग्रंथों के अनुसार, सूर्य एकमात्र ऐसे देवता हैं जो पंचदेवों में भी शामिल हैं और इनकी पूजा ग्रहों के रूप में भी जाती है। सूर्य सप्तमी तिथि के देवता हैं और पौष मास में सूर्यदेव की पूजा का विशे महत्व पुराणों में बताया गया है।