सार
उमर खालिद (Umar Khalid) के कारनामों की लिस्ट काफी लंबी है। मगर कोर्ट (Court) में दिल्ली पुलिस (Delhi Police) की ओर से पेश किए गए सबूतों के आधार पर कुछ गंभीर तथ्य हम आपको यहां बता रहे हैं। उमर खालिद दिल्ली दंगों (Delhi Riots 2020) के दौरान कोड वर्ड (Code word) का इस्तेमाल कर लोगों को हिंसा (Violence) करने के लिए उकसा रहा था। लाठी-डंडे, पत्थर, तेजाब और लाल मिर्च रखने को कह रहा था।
नई दिल्ली। उमर खालिद के मंसूबे दिल्ली दंगों के दौरान किस कदर नापाक थे, इसका अंदाजा दिल्ली पुलिस की ओर से पेश किए गए सबूतों को देखकर और पढ़कर अंदाजा लगाया जा सकता है। दिल्ली पुलिस के मुताबिक, उमर खालिद दिल्ली में दंगे के लिए लोगों को उकसा रहा था। वह पूरी तरह खून-खराबा चाहता था। हिंसा फैलाने के लिए लोगों को हथियार और तेजाब जुटाने को उकसा रहा था।
उमर खालिद ने लोगों से साफ शब्दों में कह दिया था-भाषण से काम नहीं चलेगा। हमें खून बहाना होगा। पुलिस की ओर से पेश किए गए सबूतों पर गौर करें तो उमर खालिद दिल्ली दंगों के दौरान बड़ी साजिश रच रहा था। वह इस दंगे में दिल्ली को तबाह करने की फिराक में था। दिल्ली पुलिस की ओर से कोर्ट में पेश किए सबूतों के आधार पर Asianet Hindi आपको उमर खालिद के खूंखार कारनामों से अवगत करा रहा है।
दरअसल, दिल्ली की एक अदालत ने 2 फरवरी, बुधवार को जेएनयू के पूर्व छात्रनेता उमर खालिद की जमानत याचिका पर सुनवाई की। इस दौरान दिल्ली पुलिस ने अदालत में उमर खालिद की दिल्ली दंगों में भूमिका को लेकर कुछ सबूत पेश किए। इसमें 15 और 16 जनवरी 2020 को दिल्ली के चांदबाग में हुई एक बैठक का जिक्र भी किया गया है।
तेजाब क्यों इकट्ठा कर रहा था खालिद
उमर खालिद लोगों को लगातार हिंसा के लिए उकसा रहा था। वह लोगों से लगातार कह रहा था कि विरोध प्रदर्शन के लिए डंडे, पत्थर, लाल मिर्च और तेजाब जुटाएं। एक गवाह ने यह भी बताया कि साजिशकर्ताओं ने महिलाओं और पुरुषों को एकत्रित कर उन्हें लाठी और पत्थर आदि सौंपे थे।
सरकार मुसलमानों के खिलाफ, खून बहाना होगा
उमर खालिद लोगों को हिंसा के लिए उकसाते हुए कह रहा था कि यह सरकार मुसलमानों के खिलाफ है। सिर्फ भाषण से काम नहीं चलेगा। हमें खून बहाना होगा। दिल्ली पुलिस ने उमर खालिद की दिल्ली दंगों में भूमिका और उसके द्वारा रची गई साजिश की परतें खोलते हुए व्हाट्सएप चैट, गवाहों के बयान और सीसीटीवी फुटेज पेश किए।
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सरकार को घुटनों के बल लाना होगा
गुल उर्फ गुलिफ्शा नाम की लड़की लोगों को जुटाती और उन्हें पत्थर, डंडे और लाल मिर्च बांटती। तब उमर ने गुल से कहा, भाषण से काम नहीं चलेगा। चक्का जाम आखिरी रास्ता है। हमें सरकार को घुटनों के बल लाना होगा। संघियों की सरकार इस तरह नहीं मानेगी। फिर वह फोटो खिंचवा कर चला गया। गुल नाम की यह महिला अलग ही कोड वर्ड का इस्तेमाल करती थी। जैसे कि कल ईद है। कल नैनीताल जाना है। इसका मतलब होता था कि रोड ब्लॉक करना है। आज चांद रात है, मतलब रोड ब्लॉक की रात है।
आग लगाने की पूरी तैयारी है
पुलिस ने कोर्ट में सबूत के तौर पर दिल्ली प्रोटेस्ट सपोर्ट ग्रुप के उस व्हाट्सएप मैसेज का स्क्रीन शॉट भी दिखाया, जिसमें लिखा है, आग लगाने की पूरी तैयारी है। यह मैसेज 16 और 17 फरवरी 2020 को ओवैस सुल्तान खान नाम के शख्स ने किया था।