सार

शिवानी लखनपुर में प्राथमिक हेल्थ सेंटर में पोस्टेड हैं। लखनपुर पंजाब-जम्मू और कश्मीर के  बॉर्डर पर स्थिति है। शिवानी शर्मा ने बताया कि यह मेरा 8वां महीना है।

ट्रेंडिंग डेस्क. देश के डॉक्टरों की इतनी तारीफ इससे पहले कभी नहीं जितना कोरोना वायरस में उनके द्वारा की गई ड्यूटी और सेवा को लेकर की गई है। दूसरों की जान बचाने के लिए कई डॉक्टरों ने खुद की जान को भी खतरे में डाल दिया। ऐसी ही एक डॉक्टर हैं जम्मू-कश्मीर के कठुआ की  डॉ शिवानी शर्मा। शिवानी 8 महीने से प्रेग्नेंट हैं। इस स्थिति में भी वो लोगों की सेवा कर रही हैं।

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शिवानी लखनपुर में प्राथमिक हेल्थ सेंटर में पोस्टेड हैं। लखनपुर पंजाब-जम्मू और कश्मीर के  बॉर्डर पर स्थिति है। शिवानी शर्मा ने बताया कि यह मेरा 8वां महीना है। थोड़ा तनाव है लेकिन मुझे गर्भावस्था के दौरान काम करने में कोई समस्या नहीं है, क्योंकि डॉक्टरों की कमी के कारण लोगों को समस्या हो रही है। 

नहीं छोड़ना चाहती हैं नौकरी
पीएचसी लखनपुर, दो राज्यों के बॉर्डर में होने के कारण यहां बड़ी संख्या में मरीज आते हैं। डॉ शिवानी ने कहा कि वह क्षेत्र में डॉक्टरों की कमी को देखते हुए नौकरी नहीं छोड़ना चाहती।  उन्होंने बताया कि मैं अपने ससुराल वालों के साथ रहती हूं और गर्भवती होने पर काम करने के मेरे फैसले का हर कोई समर्थन करता है। मेरे पति, जो एक प्रैक्टिस डॉक्टर हैं। वो कहते हैं कि जरूरतमंदों की मदद करना हमारा पहला कर्तव्य बनता है। हमारा बच्चा उनके आशीर्वाद से सुरक्षित रहेगा।

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बच्चे की चिंता होती है
डॉ शिवानी शर्मा ने बताया कि नई जिम्मेदारी मिलने पर वह खुश भी थीं, लेकिन अपने बच्चे को लेकर उन्हें चिंता भी रहती है। कोरोना महामारी को देखते हुए उनके पास और कोई रास्ता नहीं था इसलिए वो लगातार ड्यूटी कर रही हैं।