सार

कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के खगोलविदों ने हमारे सोलर सिस्टम के भीतर तथाकथित हाइसीन प्लेनेट्स पर करीब से नजर डाली। उन्हें शक था कि एलियन की जिंदगी के लिए ये सबसे सही जगह हो सकती है।

वाशिंगटन. क्या सच में एलियन होते हैं? मन में ये सवाल तो कई बार आता है, लेकिन कुछ रिसर्च और स्टडी के अलावा हां या न में इसका जवाब नहीं है। ऐसी ही एक और स्टडी सामने आई है। कैम्ब्रिज एस्ट्रोनॉमर्स की। उन्होंने कहा है कि आने वाले तीन सालों में एलियन की दुनिया की खोज कर ली जाएगी। एलियन की जिंदगी की बारे में पता लगाया जा सकेगा।
 
कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के खगोलविदों ने हमारे सोलर सिस्टम के भीतर तथाकथित हाइसीन प्लेनेट्स पर करीब से नजर डाली। उन्हें शक था कि एलियन की जिंदगी के लिए ये सबसे सही जगह हो सकती है। 'मिनी-नेप्च्यून' K2-18b पृथ्वी से बहुत बड़ा है, लेकिन यह ओशियन्स से ढका हुआ है। यहां जिंदा रहने के लिए पर्याप्त गर्मी और हाइड्रोजन है। लेकिन मीथेन और अमोनिया के हेल्दी लेवल मिलने के बाद वैज्ञानिकों को विश्वास है कि K2-18b में ब्रह्मांड के अनकहे रहस्य हो सकते हैं।

124 प्रकाश वर्ष दूर है मिनी नेप्च्यून
मिनी-नेप्च्यून 124 प्रकाश वर्ष दूर है और पृथ्वी से आठ गुना अधिक बड़ा है। इस स्टडी के लीडर डॉक्टर निक्कू मधुसूदन ने कहा कि हम जल्द ही कुछ सालों में इस तरह के ग्रह पर जीवन का पता लगाने में सफल हो सकते हैं। 

कैम्ब्रिज के खगोलशास्त्री ने द गार्जियन को बताया, हाइसेन्स मूल रूप से हाइड्रोजन के साथ वातावरण के साथ पानी की दुनिया हैं। दो से तीन सालों के भीतर हम पहली बायोसिग्नेचर डिटेक्शन देख सकते हैं। अगर इस ग्रह पर जीवन हुआ तो। कम से कम माइक्रोबाइल लाइफ तो संभव है। लेकिन अभी हमें कुछ नतीजों पर पहुंचने के लिए अधिक जानकारी इकट्ठा करने की जरूरत है। 

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