सार
कोविड के बाद 'घर से काम' का चलन बढ़ा। कई कंपनियों ने इसे जारी रखा, जिससे कई लोगों को राहत मिली। लेकिन अब, कई कंपनियां घर से काम बंद कर रही हैं और कर्मचारियों को ऑफिस वापस बुला रही हैं।
कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, कई कंपनियां इसे कर्मचारियों की छंटनी की रणनीति के रूप में इस्तेमाल कर रही हैं। उनका मानना है कि जो लोग केवल घर से काम कर सकते हैं, वे खुद ही नौकरी छोड़ देंगे।
रेडिट पर एक युवक ने अपना अनुभव साझा किया। उसने बताया कि वह दिव्यांग है और उसने कंपनी को अपनी स्थिति के बारे में पहले ही सूचित कर दिया था कि वह केवल घर से ही काम कर सकता है। लेकिन अब कंपनी उसे ऑफिस आकर काम करने के लिए कह रही है।
युवक ने कहा कि वह अपना काम घर से कर सकता है। उसने हार न मानने और कंपनी के खिलाफ लड़ने का फैसला किया है। उसने यूनियन प्रतिनिधि और डॉक्टर से मदद मांगी है, जिन्होंने उसे समर्थन देने का वादा किया है। उसने कहा कि जहाँ अकेले लड़ना मुश्किल हो, वहाँ एकजुट होकर लड़ना चाहिए।
युवक की पोस्ट पर कई लोगों ने टिप्पणी की और उसे लड़ाई जारी रखने के लिए प्रोत्साहित किया।
(तस्वीर प्रतीकात्मक है)