सार
इवेंट के दिनो में या फिर खराब मौसम के दौरान ऐसे लोगों की डिमांड बढ़ जाती है। यहां औसत कमाई आठ से दस हजार रुपए रोज की है। बेरोजगारों के अलावा मजबूत कद-काठी के बुजुर्ग भी इस लाइन में आ रहे हैं।
नई दिल्ली। आज बहुत से लोग ऐसे हैं, जिनके पास समय ही समय है, मगर पैसा नहीं है। कुछ ऐसे भी हैं कि पैसा इफरात है मगर समय नहीं है। हालांकि, क्या आप मानते हैं कि दोनों एक दूसरे के काम आ सकते हैं। जी हां, बिल्कुल। दोनों एक दूसरे के काम आ नहीं सकते बल्कि, आ रहे हैं।
ऐसा इन दिनों ब्रिटेन में देखने को मिल रहा है। दरअसल, कई बार आपको जरूरी काम से बैंक जाना हैं, मगर वहां लंबी लाइन होगी और ऐसे में पूरा दिन खराब हो जाएगा। प्रदर्शनी के टिकट लेना है या किसी और काम से लाइन में खड़े रहना मजबूरी है, मगर आपके समय नहीं, तब आप क्या करेंगे। शायद किसी ऐसे शख्स को तलाश करेंगे, जो आपका यह काम कर दे।
बिल्कुल ऐसा ही इन दिनों ब्रिटेन में हो रहा है और इसकी डिमांड इतनी अधिक बढ़ गई है कि यह एक प्रोफेशन के तौर पर उभर कर सामने आया है। यहां इस प्रोफेशन में हर घंटे के दो हजार रुपए तक दिए जा रहे हैं। अगर कोई पूरे 8 घंटे खड़ा रहता है तो उसे इसके बदले में लगभग 16 हजार रुपए तक मिल जाते हैं। तो है न यह चोखा धंधा।
बेहद धैर्यवान और हद दर्जे के शांत रहने वाली शख्सियत हैं फ्रेडी
द सन की रिपोर्ट के अनुसार, 31 साल के फ्रेडी बेकिट लंदन में रहते हैं। वह बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं। वेटर का काम भी करते हैं। मगर उनकी सबसे बड़ी खासियत है कि वे बेहद धैयवान और हद दर्जे के शांत शख्सियत हैं। इसी का नतीजा है कि उन्हें अगर 8 घंटे भी किसी एक जगह एक स्थिति में रहने को कहा जाए, तो वे उफ्फ तक नहीं करेंगे। यही वजह है कि उनकी डिमांड इन दिनों जबरदस्त रूप से बढ़ती जा रही है और लाइन में खड़े रहने के लिए वह हर घंटे के दो हजार रुपए तक चार्ज करते हैं।
आठ से दस हजार रुपए औसत कमाई, इवेंट के दिनों में यह बढ़ जाती है
फ्रेडी बेकिट के अनुसार, वैसे तो रोज आठ से दस हजार रुपए तक मिल जाते हैं, मगर जब शहर में बड़े इवेंट होते हैं तो यह कमाई और अधिक हो जाती है। फ्रेडी के मुताबिक, लोगों के पास समय नहीं है और मेरे पास यह खूब है। अगर थिएटर में कोई इवेंट है और पैसे वालों को टिकट नहीं मिल रहा, तो वे मुझे लाइन में लगने के लिए ऑफर देते हैं। फ्रेडी कहते हैं कि वैसे तो सभी लोग काम-धंधे वाले हैं और उनके पास समय कम है, मगर कुछ मेरे जैसे भी होते हैं। इसके अलावा बुजुर्ग लोग जो थोड़ा मजबूत हैं, वे भी इस काम को कर रहे हैं।
अब इसी फील्ड में दायरा बढ़ा रहे फ्रेडी
उनका कहना है कि यह काम इतना आसान नहीं है। आपको भयंकर गर्मी, सर्दी या बारिश में घंटो खड़ा रहना पड़ता है। ऐसे मौसम में बहुत परेशानी होती है। वैसे इस समय ही लोग मुझे ज्यादा याद करते हैं। फ्रेडी अब इस फील्ड में अपना दायरा बढ़ा रहे हैं। उन्होंने टास्करैबिट (Taskrabbit) नाम से वेबसाइट शुरू की है। वे इससे जुड़े कुछ और काम शुरू कर रहे हैं और लोगों की भर्ती भी कर रहे हैं। तो बताइए जान चाहेंगे ब्रिटेन और करना चाहेंगे फ्रेडी के साथ काम।
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