सार
इस धरती पर एक कुप्रथा ऐसी भी है, जिसमें एक बाप अपनी बेटी से शादी करता है। इसके पीछे तर्क दिया जाता है कि यह शख्स पत्नी के साथ-साथ बेटी को भी लंबे समय तक सुरक्षा मुहैया करा सकता है।
नई दिल्ली। दुनियाभर में अजीबो-गरीब रस्में और परंपराएं हैं। उन्हें मानने के पीछे सभी की अपनी-अपनी तर्क और विचारधारा है। मगर इन अजब-गजब रस्म-रिवाज के साथ-साथ क्या कोई परंपरा ऐसी भी हो सकती है कि एक बाप अपनी बेटी से ही शादी कर ले। जी हां, चौकिए मत। यह बिल्कुल सौ प्रतिशत सच है।
दरअसल, हम जिस परंपरा की बात करने जा रहे हैं, उस पर शायद आप यकीन नहीं करें, मगर यह हैरान करने वाली कुप्रथा बांग्लदादेश की मंडी जनजाति में निभाई जाती है। यहां लड़कियों के पैदा होते ही उनकी शादी पिता से करा दी जाती है।
'जिन्हें मानती थी पिता वो निकले मेरे पति'
इस जनजाति की एक महिला ओरोला की मानें तो उसके पिता की मौत तभी हो गई थी, जब वह बहुत छोटी थी। इसके बाद मां ने एक दूसरे शख्स से शादी कर ली। ओरोला के मुताबिक, मैं हमेशा सोचती थी कि मेरे दूसरे पिता कितने अच्छे हैं। मैं उन्हें काफी पसंद करती थी। जब मैं थोड़ा और बड़ी हुई, तब मुझे बताया गया कि जिसे मैं पिता मानती हूं, वह असल में मेरे पति हैं।
'यह कुप्रथा थी, जिसे स्वीकार करना ही था'
ओरोला के अनुसार, पहले जब मुझे इसका पता चला तो लगा कि मैं कोई सपना देख रही हूं। मगर असल में यह सच था, जिसे मुझे किसी भी हाल में स्वीकार करना था। तीन साल की उम्र में ही मेरी शादी मेरे दूसरे पिता से करा दी गई थी। यह एक कुप्रथा थी, जिसे मुझे स्वीकार करना ही था। इसके तहत, जब कोई महिला कम उम्र में विधवा हो जाती है, तब उसकी शादी किसी दूसरे शख्स से करा दी जाती है। इसके बाद जब वह महिला किसी बच्ची को जन्म देती है, तो उसकी शादी भी उसी शख्स से करा दी जाती है। पुराने समय में इस जनजाति के लोगों का मानना था कि कम उम्र का पति अपनी नई पत्नी के साथ-साथ बेटी का पति बनकर रह सकता है और इस तरह वह दोनों को सुरक्षा मुहैया कराएगा।
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