एक 68 वर्षीय महिला ₹25 करोड़ होने पर भी डर से बेहद कम खर्च करती थी। सलाहकार की मदद से उन्होंने रिटायरमेंट में पैसे का उपयोग कर अपना जीवन बेहतर बनाया। यह कहानी बचत और जीवन का आनंद लेने में संतुलन की सीख देती है।
हटके न्यूजः एक रिटायरमेंट प्लानर, कर्ट सैपे ने सोशल मीडिया पर उस 68 साल की महिला की कहानी शेयर की है, जो करोड़ों की संपत्ति होने के बावजूद एक गरीब की तरह जी रही थी. यह कहानी कई लोगों को यह सोचने पर मजबूर करती है कि बुढ़ापे में पैसे को कैसे देखना चाहिए. सैपे की यह क्लाइंट 68 साल की एक महिला थीं, जिनकी कुल संपत्ति 28 लाख डॉलर यानी करीब 25 करोड़ रुपये थी. इतनी बड़ी रकम होने के बावजूद, वह एक गरीब महिला की तरह जी रही थीं. वह अपने खर्चों के लिए हर साल सिर्फ सोशल सिक्योरिटी से मिलने वाले 38,000 डॉलर का ही इस्तेमाल करती थीं.
सैपे बताते हैं कि यह महिला बाहर खाना खाते समय भी कूपन का इस्तेमाल करती थी. वह सबसे सस्ता सामान खरीदती थी और अपनी रिटायरमेंट की बचत में से कुछ भी खर्च नहीं करती थी. उन्होंने सैपे से कहा, "मैं अपने रिटायरमेंट अकाउंट से पैसे नहीं निकालूंगी. मुझे यह इमरजेंसी के लिए चाहिए". गरीबी में बीते दिनों के अनुभवों ने उन्हें ऐसा सादा जीवन जीने के लिए मजबूर किया था. महीनों की सलाह के बाद, सैपे ने आखिरकार उन्हें हर साल एक तय रकम निकालने के लिए मना लिया.
अब वह हर साल 1,20,000 डॉलर निकालती हैं. इससे उनके जीवन में काफी बदलाव आया और उनका रहन-सहन बेहतर हुआ. इस घटना का जिक्र करते हुए सैपे याद दिलाते हैं कि ज्यादा पैसे के साथ मरने पर आपको कोई इनाम नहीं मिलता. यह अनुभव उन कई लोगों के लिए एक सबक है जो रिटायरमेंट के बाद बिना किसी लक्ष्य के बचत करते हैं और अपनी ज़रूरतें भी पूरी नहीं करते. यह कहानी सिखाती है कि पैसे खत्म हो जाने की चिंता में अपनी इच्छाओं को दबाकर नहीं जीना चाहिए।
