सार

भारत के विशाल जनसंख्या के बावजूद ओलंपिक में मेडल कम क्यों आते हैं? एक ओला ड्राइवर, जो एशियाई खेलों में पदक विजेता रह चुके हैं, उनकी कहानी से समझिए इस सवाल का जवाब।

वायरल न्यूज, india population olympic performance । भारत की आबादी 140 करोड़ से ज्यादा हो गई है। जनसंख्या के मामले में हम विश्व के नंबर वन कंट्री हैं। दुनिया के ज्यादातर मुल्कों की आबादी हमारे एक प्रदेश में रहने वाले लोगों से कम है । भारत एक विशाल देश हैं, जिसमें तमाम संसाधन मौजूद हैं। यहां टेलेंट की भी कोई कमी नहीं है। हर शख्स के पास कोई ना कोई खूबी मौजूद है। इइतना सब होने के बावजूद ओलंपिक जैसी इंटरनेशनल स्पर्धा के लिए मह एक गोल्ड, एक सिल्वर के लिए तरस जाते हैं। इसकी मजह भी है, दरअसल एशिया और दूसरे अंतर्राष्ट्रीय कॉम्पीटिशन में मेडल जीतने वाले को ओलंपिक के लिए मौका ही नहीं मिल पाता है। कुछ पावरफुल खिलाड़ी और कोच जुगत लगाकर बड़े कॉम्पीटिशन में पहुंच जाते हैं। वहीं असली टेलेंट स्पॉन्सर ना तलाश पाने की वजह से पीछे रह जाते हैं। खेलों के लिए खुद के पैसे खर्च करने की वजह से इनकी आर्थिक हालात खराब हो जाते हैं। यहां ऐसे ही एक शख्स के बारे में हम आपको जानकारी शेयर कर रहे हैं।

पराग पाटिल ने लॉन्ग जंंप में  जीते गोल्ड, सिल्वर ब्रॉन्ज मेडल

मुंबई के एंटरप्रेन्योर और सोशल मीडिया सेलेब्रिटी आर्यन सिंह कुशवाह ने X पर ओला ड्राइवर पराग पाटिल की जानकारी शेयर की है। वे कोई साधारण व्यक्ति नहीं हैं, बल्कि ओलंपियन हैं। वे लॉन्ग जंप के एथलीट हैं। उन्होंने इंटरनेशनल कॉम्पीटीशिन में पर इंडिया की तरफ से पार्टीसिपेट करते हुए 16 पदक जीते हैं। उन्होंने एशिया कप सहित कई इंटरनेशनल प्रति स्पर्धाओं में 2 स्वर्ण, 11 रजत, 3 कांस्य पदक जीते हैं। हालांकि स्पॉन्सर नहीं मिलने की वजह से उनका खेल करियर और आगे नहीं पाया । वहीं उन्हें परिवार का खर्च चलाने के लिए ओला चलानी पड़ रही है।
My Ola driver is an Olympian.

Meet Parag Patil (@AthletePatil):

2nd in Asia in Triple Jump.

3rd in Asia in Long Jump.

Each time he has represented India internationally, he has never returned without a medal.

2 golds, 11 silvers, 3 bronze.

Yet he has no sponsors and just… pic.twitter.com/UBdWuqY7sA


 

नेटीजन्स ने इस पर कॉमेन्ट करते हुए पराग पाटिल की मदद करने का भरोसा दिया है। वहीं कुछ यूजर्स ने सरकारी सिस्टम पर सवाल उठाए हैं।  

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