जर्मनी में 10 साल से रह रही एक भारतीय महिला अच्छी कमाई के बावजूद अकेलापन महसूस कर रही है। वह अपने बच्चे और बूढ़े माता-पिता के लिए भारत के एक टियर-2 शहर में वापस बसने की योजना बना रही है।

जर्मनी में रहने वाली एक भारतीय महिला की रेडिट पोस्ट काफी ध्यान खींच रही है। इस पोस्ट में महिला ने 10 साल बाद भारत वापस आने के अपने फैसले के बारे में बताया है। महिला ने '10 साल से ज़्यादा विदेश में काम करने के बाद एक टियर-2 शहर में वापस जाने की योजना बना रही हूं' टाइटल के साथ यह पोस्ट शेयर किया है। वह जर्मनी में अपने पति और बच्चे के साथ रहती है। महिला का कहना है कि वह और उसके पति दोनों अच्छी कमाई करते हैं।

महिला कहती है, 'हम दोनों अच्छी-खासी कमाई करते हैं। जर्मनी में ज़िंदगी ठीक-ठाक है। हम जर्मन समाज में अच्छी तरह घुल-मिल गए हैं, जर्मन भाषा भी बोलते हैं और वहां के लोग हमारे दोस्त भी बन गए हैं। फिर भी, अकेलापन महसूस होता है।' महिला का दुख यह है कि भले ही यहां दोस्त हैं और वह सबसे घुलती-मिलती है, लेकिन उसे अपने देश और घर जैसा सामाजिक जुड़ाव, अपनापन और प्यार जर्मनी में महसूस नहीं होता।

उसे लगता है कि वह अपने देश के त्योहारों और परिवार के साथ होने वाले मेल-जोल को बहुत याद कर रही है। लेकिन, उसके पति को ऐसा महसूस नहीं होता। पोस्ट में यह भी बताया गया है कि उन पर कोई देनदारी नहीं है। वह लिखती है, 'मेरे पति का एक अपार्टमेंट है, जहां उनके माता-पिता रहते हैं। मेरे पास भी एक बड़ा प्लॉट है, और अब मैं उस पर घर बनाने के लिए पैसे बचा रही हूं। ये दोनों एक ही शहर में हैं। जब तक मुझे घर की देखभाल और अपने बच्चे को पालने में मदद मिलती रहेगी, मैं काम करने और कमाने के लिए तैयार हूं।'

अपने देश वापस जाने के फैसले की मुख्य वजह उसका बच्चा और बूढ़े होते माता-पिता हैं। बच्चे को अपने दादा-दादी से बहुत लगाव है। वह कहती है कि यह फैसला इसलिए लिया है ताकि वे एक-दूसरे के साथ समय बिता सकें। हालांकि, पोस्ट से यह भी पता चलता है कि महिला भारत में वायु प्रदूषण और बुनियादी सुविधाओं की कमी को लेकर भी चिंतित है। विदेश में रहने वाले ज़्यादातर लोगों को जिस दुविधा का सामना करना पड़ता है, वही इस महिला की पोस्ट में साफ दिखाई दे रहा है।