सार
नीरज की हत्या भारतीय इतिहास में हाई प्रोफाइल मर्डर केस मानी जाती है। वह मुंबई में स्टार टीवी प्रोडक्शन हाउस से जुड़े थे। 7 मई 2008 में नीरज ग्रोवर (Neeraj Grover) की हत्या काफी बर्बर तरीके से की गई थी। उनका शव टुकड़ों में जंगल में मिला था।
नई दिल्ली। भारत में ऐसी कई हत्याएं हुई हैं, जिनका खुलासा करने में जांच एजेंसियों के पसीने छूट गए। इनमें आरुषि मर्डर मिस्ट्री जैसे कुछ केस अब भी हैं, जिनका सच सामने नहीं आ सका है। वहीं, नीरज ग्रोवर की हत्या भी देश की सबसे भयावह मर्डर मिस्ट्री में शामिल रही है। इस केस में अपराधी ने इतनी सफाई से हत्या को अंजाम दिया कि पुलिस सुराग भी नहीं खोज पाई।
हालांकि, फोरेंसिक टीम ने केस की काफी गहनता से जांच की। वैज्ञानिक तरीकों से पड़ताल हुई, जिसके बाद टीम को सुराग मिला और यह केस को सुलझाने में अहम कड़ी साबित हुई। आइए जानते हैं कौन थे नीरज ग्रोवर, किसने, कैसे और क्यों मारा। फोरेंसिक टीम ने क्या खोजा, जिससे यह मर्डर मिस्ट्री सुलझी।
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बर्बर तरीके से हुई थी हत्या, 3 साल सुनवाई के बाद आया फैसला
नीरज ग्रोवर की हत्या भारतीय इतिहास में हाई प्रोफाइल मर्डर केस मानी जाती है। वह मुंबई में स्टार टीवी प्रोडक्शन हाउस से जुड़े थे। 7 मई 2008 में नीरज की हत्या काफी बर्बर तरीके से की गई थी। उनका शव टुकड़ों में जंगल में मिला था। इस केस में तीन साल तक सुनवाई हुई और 2011 में फैसला सुनाया गया।
नीरज ने मारिया की मदद की और दोनों बेहद करीब आ गए
नीरज की हत्या प्रेम त्रिकोण यानी लव ट्राएंगल का नतीजा थी। एक नीरज ग्रोवर, दूसरी कन्नड अभिनेत्री मारिया सुसाइराज और तीसरा मारिय का ब्वायफ्रेंड एमिल जेरोम मैथ्यू जो नेवी में लेफ्टिनेंट था। मारिया बॉलीवुड में करियर बनाने के लिए अप्रैल 2008 में मुंबई में शिफ्ट होती है। यहां उसकी मुलाकात स्टार टीवी प्रोडक्शन हाउस में काम करने वाले नीरज ग्रोवर से होती है। बॉलीवुड में मारिया का करियर बनाने में नीरज उसकी मदद करता है। इस बीच दोनों काफी करीब आ जाते हैं।
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ब्वायफ्रेंड की बात नहीं मानती, रातभर में फ्लैट में रूकता है नीरज
मारिया मलाड में किराए पर फ्लैट लेती है। शिफ्टिंग में मदद के लिए नीरज 6 मई को 2008 को उसके फ्लैट पर जाता है और वहीं रूक जाता है। रात में ही मारिया के पास उसके ब्वायफ्रेंड एमिल का फोन आता है। फोन पर बातचीत के दौरान कमरे में वह मर्द की आवाज सुनता है। पूछने पर मारिया बताती है कि वह शिफ्टिंग में उसकी मदद करने आया है। एमिल उसे रातभर रुकने के लिए मना करता है। मारिया उसकी सलाह को नजरअंदाज कर देती है।
फ्लाइट पकड़कर कोच्चि से मुंबई आया और नीरज को चाकू मार दिया
एमिल उस दिन कोच्चि में था। उसे शक हुआ कि मारिया और नीरज के बीच कुछ चल रहा है। वह फ्लाइट पकड़कर अगली सुबह मुंबई आ जाता है। मारिया के फ्लैट पर नीरज को देखकर गुस्सा होता है। नीरज के साथ हाथापाई में एमिल उसे चाकू मार देता है, जिससे नीरज की मौत हो जाती है। इसके बाद एमिल सबूत मिटाने और शव को ठिकाने लगाने में जुट जाता है।
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शव के 300 टुकड़े कर जंगल में जला दिया, दीवार पर पेंट करा दिया
एमिल नीरज के शव के करीब 300 टुकड़े करता है और प्लास्टिक के बैग में भरता है। मारिया दोस्त की कार लाती है और इसमें शव के टुकड़ों से भरे प्लास्टिक बैग को रखकर दोनों जंगल में चले जाते हैं। वहां प्लास्टिक बैग को जला दिया जाता है। घर के फर्निचर और चादर बदल दिए जाते हैं। दीवार पर नया पेंट कर दिया जाता है।
मामले का दूसरा पक्ष भी जिस पर गौर करने लायक दलीलें
वहीं, इसका एक दूसरा पक्ष भी सामने आया। बेंगलुरु की जैन यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर डा. रघु जी. आनंद के मुताबिक, नीरज तमाम कोशिशों के बाद भी मारिया को इंडस्ट्री में रोल नहीं दिला सका। मारिया में बदले की भावना जागी और ब्वायफ्रेंड मैथ्यू की मदद से नीरज की हत्या का प्लान बनाया। इसके बाद का वाकया वही है।
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घर वाले पुलिस के पास पहुंचे और मारिया ने नीरज का फोन सौंप दिया
बहरहाल, कई दिनों तक नीरज का पता नहीं चला तो घरवालों ने गुमशुदगी की एफआईआर दर्ज करा दी। कुछ दिनों बाद मारिया पुलिस को फोन कर नीरज का फोन उन्हें सौंपती है। पूछताछ के बाद केस कोर्ट पहुंचता है। तमाम दलीलों और बयानों के साथ-साथ दलीलें पेश की जाती हैं। मारिया ने सच उगलने के बजाय बचने के लिए कहानियां गढ़ीं। पहले उसने कहा कि नीरज रात डेढ़ बजे चला गया था, मगर लगातार पूछताछ हुई तो कबूल किया कि वह रातभर रूका रहा।
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गवाह आए, सबूत आए और धीरे-धीरे खुद सुलझती गई गुत्थी
मारिया ने कोर्ट में बयान दिया कि वह नीरज से 4 मई 2008 यानी हत्या से दो दिन पहले ही मिली थी। उसने बताया कि उसी दिन नीरज और मैथ्यू की झड़प भी हो गई थी। जबकि मारिया ने जिस बिल्डिंग में फ्लैट किराए पर लिया था, उसके चौकीदार ने बताया कि उसने मारिया और उसके ब्वायफ्रेंड को एक कार में प्लास्टिक का बैग रखते हुए देखा था। पुलिस ने मैथ्यू की फोन कॉल डिटेल और फ्लाइट बुकिंग डिटेल निकलवाई, जिसके बाद सब कुछ आइने की तरह साफ हो गया।
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मुंबई सेशन कोर्ट ने 11 जुलाई 2011 को मारिया के ब्वायफ्रेंड मैथ्यू को नीरज की हत्या के आरोप में दस साल की सजा सुनाई। सबूत मिटाने के लिए तीन साल की और सजा सुनाई। इसके अलावा एक लाख का जुर्माना भी लगाया। मारिया को तीन साल की सजा सुनाई गई और 50 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया, मगर उसने ट्रायल के दौरान सजा के तीन साल काट लिए थे, इसलिए उसे रिहा कर दिया गया। चाकू से, कार के हैंडल, सीटकवर से नमूने जुटाए गए। जंगल में खोजबीन कर हड्डी और दांत हासिल किए गए और डीएनए को परिजनों से मैच कराया गया।