कोरोना का कहर पूरी दुनिया पर छाया हुआ है। इस वायरस से हर कोई आतंकित है। सबसे बड़ी बात है कि अभी तक इस वायरस की कोई वैक्सीन सामने नहीं आई है। इसके अभी ट्रायल ही चल रहे हैं। ऐसे में, काफी लोग प्रेयर और धार्मिक विधि-विधानों के जरिए इस वायरस से अपना बचाव करना चाहते हैं। ऐसे लोग अंधविश्वास के शिकार हैं और उन्हें पता नहीं है कि इससे कोरोना वायरस का संक्रमण और भी बढ़ेगा, क्योंकि सामूहिक प्रार्थना के कार्यक्रमों में हजारों की संख्या में लोग जुटते हैं। अभी हाल ही में बांग्लादेश में इसी तरह का मामला सामने आया, जब वहां के रायपुर शहर के एक खुले मैदान में मुस्लिम धर्म के अनुयायी हजारों की संख्या में कुरान की आयतें पढ़ने के लिए जुट गए। यह आयोजन वहां पिछले बुधवार, 18 मार्च को हुआ। इसके आयोजकों का कहना था कि इसमें करीब 25 हजार लोग जुटे, लेकिन स्थानीय पुलिस अधिकारियों ने बताया कि आयोजन में आए लोगों की संख्या करीब 10 हजार थी। पुलिस अधिकारियों का कहना था कि इस प्रार्थना सभा के आयोजन के लिए पुलिस की इजाजत नहीं ली गई थी। एक तरफ जहां कोरोना वायरस से बचाव के लिए कहा जा रहा है कि लोग घरों से नहीं निकलें, वहीं हजारों की संख्या में लोगों का जुटना अंधविश्वास के साथ अधिकारियों के ढीले-ढाले रवैये को भी दिखाता है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब कोरोना वायरस के फैलने के कारण स्कूलों को भी बंद कर दिया गया है, इतनी बड़ी संख्या में लोग आखिर एक जगह जुट कैसे गए। बहरहाल, इनमें से काफी लोग वायरस के शिकार हो गए, जिनका इलाज किया जा रहा है। देखें इस आयोजन से जुड़ी तस्वीरें।