सार

सांपों का यह बगीचा 12 हेक्टेयर में है। यहां 400 प्रकार के अलग-अलग सांप हैं। हर साल बड़ी संख्या में यह बगीचा पर्यटकों को भी लुभाता है। देश-दुनिया से बड़ी संख्या में टूरिस्ट सांपों को देखने के लिए इस जगह आते हैं।

वायरल डेस्क : बाग-बगीचे में बैठना कितना अच्छा लगता है। गांव में तो आम, अमरूद, जामुन और कई पेड़ों के बगीचे होते हैं। जहां चोरी-छिपे फलों को तोड़ने का अपना ही मजा होता है। लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि सांप का बगीचा भी हो सकता है? जहां डाल-डाल पर सैंकड़ों सांप लटके मिले। अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर ऐसे बगीचे होते हैं क्या? होते भी हैं तो उसमें कौन जाएगा? आप सोच रहे हैं कि हम यूं ही इधर-उधर की बातें कर रहे हैं लेकिन सच्चाई तो यही है कि सांप का बगीचा भी होता है। यकीं न हो तो खुद ही यह वीडियो देख लीजिए।

सांप का बगीचा

आम-अमरूद की तरह ही एक देश सांप का बगीचा भी लगाता है। जिस तरह अपने बगीचे में फल देखकर आप खुश हो जाते हैं, ठीक उसी तरह इस बगीचे में सांपों को देख उसका मालिक भी खुशी से उछल पड़ता है। इस बगीचे की डालियां सांपों से भरी रहती हैं। डाल-डाल, पत्ती-पत्ती सिर्फ सांप ही सांप नजर आते हैं। सांप का ये बगीचा विएतनाम (Vietnam) में मौजूद है। जिसका नाम डोंग टैम स्नेक फार्म (Trai Ran Dong Tam) है।

सांप का बगीचा क्यों लगाया जाता है

विएतनाम के Trai Ran Dong Tam में सांपों की खेती की जाती है। जिस तरह खेतों में सब्जियां और बगीचों में फल उगाए जाते हैं, ठीक उसी तरह इस बगीचे में सांप पाले जाते हैं। इसी फार्म में औषधियां भी उगाई जाती हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस बगीचे में 400 से ज्यादा तरह के जहरीले सांप मौजूद हैं। इन सांपों के जहर से दवाईयां बनाई जाती हैं। इसके साथ ही सांपों के जहर को काटने के लिए एंटीडोज भी बनाए जाते हैं। डोंग टैम स्नेक फार्म पर्यटकों को भी आकर्षित करता है। हर साल इस बगीचे को देखने दुनियाभर से लाखों की संख्या में टूरिस्ट आते हैं।

 

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वीडियो देख हर कोई हैरान

सोशल मीडिया पर सांपों के इस बगीचे का वीडियो वायरल हो रहा है। जिसे देख हर कोई हैरान है। ज्यादातर लोग इस बगीचे से अनजान हैं। बहुत कम लोग ही जानते हैं कि यह बगीचा रिसर्च के मकसद से तैयार किया गया था और आज बड़ा टूरिस्ट स्पॉट बन गया है। 12 हेक्टेयर में यह फार्म फैला हुआ है और यहां हर साल करीब 1500 लोग सांप काटने के बाद इलाज के लिए आते हैं। हर दिन एंटीडोज के लिए रिसर्च की जाती है।

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