सार
दरअसल तेलिया भोला मछली के इतनी महंगी होने के पीछे सबसे बड़ा कारण है इसका पेट, जिसमें कई प्रकार के गुणकारी तत्व पाए जाते हैं। इस मछली की सबसे बड़ी खरीदार दवा कंपनियां हैं।
ट्रेंडिंग डेस्क. कहते हैं किस्मत कोई नहीं जानता है। इंसान की किस्मत कब पलट जाए ये कोई कह नहीं सकता है। ऐसा ही मामला सामने आया है ओडिशा के दीघा में। यहां कुछ मछुआरों की किस्मत चमक एक रात में चमक गई। दरअसल, इन मछुआरों (fishermans ) की जाल में 121 'तेलिया भोला' मछली ( (telia bhola fish) ) फंस गईं। आप जानकर हैरान रह जाएंगे कि इन मछलियों की कीमत तकरीबन 2 करोड़ रुपये आंकी गई है। इसमें से हर मछली का वजन 18 किलोग्राम या उससे ज्यादा बताया गया है।
आपको जानकर हैरानी होगी किइससे पहले कभी इतनी बड़ी संख्या में ‘तेलिया भोला’ मछली मछुआरों के हाथ नहीं लगी है। पिछले साल भी मछुआरों को दीघा तट से तेलिया भोला मछली मिली थी, लेकिन उनकी संख्या तब 30 थी। जो एक करोड़ में नीलाम हुई थी, लेकिन इस बार जो मछलियां इन मछुवारों के हाथ लगी है उसने तो सारे रिकॉर्ड ही तोड़ दिए है। यही वजह है कि इन मछलियों की वजह से कई मछुवारे मालामाल हो गए है।
क्यों होती है इतनी महंगी
दरअसल तेलिया भोला मछली के इतनी महंगी होने के पीछे सबसे बड़ा कारण है इसका पेट, जिसमें कई प्रकार के गुणकारी तत्व पाए जाते हैं। इस मछली की सबसे बड़ी खरीदार दवा कंपनियां हैं। इन मछलियों की मदद से कई सारी महंगी दवाई बनती है। मछली की यह प्रजाति गहरे समुद्र में पाई जाती है. इसे पकड़ने के लालच में मछुआरे समुद्र के उन हिस्सों में चले जाते हैं, जहां उनको जाने की अनुमति नहीं होती है क्योंकि इनकी कीमत ही बहुत ज्यादा होती है।
जानकार बताते हैं कि तेलिया भोला मछली आमतौर समुद्र में ही होती है, लेकिन प्रजनन काल में यह तटवर्ती इलाकों, पास की नदियों आदि में भी मिलती हैं। इस मछली की विदेशी बाजारों में भारी मांग है। इस मछली के ब्लबर (प्राथमिक वसा भंडारण) की विशेषता है कि इससे जीवनदायी दवाएं बनाई जाती हैं। इसी कारण से यह बहुत महंगी बिकती है। इसका रंग गोल्डन होता है।
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