सार

12 अगस्त को सावन का आखरी सोमवार है। इस दिन प्रदोष (त्रयोदशी तिथि) का खास योग बन रहा है जिसमें शिव जी को प्रसन्न करने के लिए कुछ खास उपाय करने से सभी इच्छाएं पूरी हो सकती हैं।

उज्जैन. इन दिनों भगवान शिव का प्रिय पवित्र सावन मास चल रहा है। वैसे तो ये पूरा महीना ही शिव पूजा के लिए उपयुक्त है, लेकिन इस महीने में आने वाले सोमवार को भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व माना जाता है। इस बार 12 अगस्त को सावन का अंतिम सोमवार है। इस दिन प्रदोष (त्रयोदशी तिथि) होने से ये सोमवार और भी खास हो गया है क्योंकि कम ही बार सावन में सोम प्रदोष का योग बनता है। इस विशेष योग में यदि भगवान शिव को प्रसन्न करने के कुछ विशेष उपाय किए जाएं तो आपकी हर मनोकामना पूरी हो सकती है। जानिए सोम प्रदोष व्रत की विधि और किए जाने वाले उपाय-

इस विधि से करें प्रदोष व्रत

  • प्रदोष में बिना कुछ खाए व्रत रखने का विधान है। ऐसा करना संभव न हो तो एक समय फल खा सकते हैं। इस दिन सुबह स्नान करने के बाद भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए। 
  • भगवान शिव-पार्वती और नंदी को पंचामृत व गंगाजल से स्नान कराकर बिल्व पत्र, गंध, चावल, फूल, धूप, दीप, नैवेद्य (भोग), फल, पान, सुपारी, लौंग और इलायची चढ़ाएं। 
  • शाम के समय फिर से स्नान करके इसी तरह शिवजी की पूजा करें। भगवान शिव को घी और शक्कर मिले जौ के सत्तू का भोग लगाएं। आठ दीपक आठ दिशाओं में जलाएं। इसके बाद शिवजी की आरती करें। 
  • रात में जागरण करें और शिवजी के मंत्रों का जाप करें। इस तरह व्रत व पूजा करने से व्रती (व्रत करने वाला) की हर इच्छा पूरी हो सकती है।

इनकम बढ़ाने के लिए उपाय...

  • सोम प्रदोष के शुभ योग में पारद शिवलिंग की स्थापना करें और पूजा करें।
  • इसके बाद इस मंत्र का 108 बार जप करें- ऐं ह्रीं श्रीं ऊँ नम: शिवाय: श्रीं ह्रीं ऐं
  • प्रत्येक मंत्र के साथ एक बिल्वपत्र पारद शिवलिंग पर चढ़ाएं।
  • बिल्वपत्र के तीनों दलों पर लाल चंदन से क्रमश: ऐं, ह्री, श्रीं लिखें।
  • अंतिम 108 वां बिल्वपत्र रहे, उसे शिवलिंग पर चढ़ाने के बाद निकाल लें तथा उसे एक कांच के फ्रेम में चढ़वाकर प्रतिदिन उसकी पूजा करें।

शीघ्र ही आपकी इनकम बढ़ सकती है।

मनोकामना पूर्ति के लिए उपाय...
सोम प्रदोष के दिन सुबह जल्दी उठकर नहाकर, साफ वस्त्र पहनकर भगवान शिव की पूजा करें। इसके बाद गेहूं के आटे से 11 शिवलिंग बनाएं। अब प्रत्येक शिवलिंग का शिवमहिम्न स्त्रोत से जलाभिषेक करें। इस उपाय से आपकी हर इच्छा पूरी हो सकती है।