सार
इस बार चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri 2022) का आरंभ 2 अप्रैल, शनिवार से हो रहा है, जो 10 अप्रैल, रविवार तक मनाया जाएगा। ये साल की पहली नवरात्रि है। इसे बड़ी नवरात्रि भी कहा जाता है। इसी नवरात्रि के साथ हिंदू नववर्ष (Hindu New Year 2079) का आरंभ भी होता है।
उज्जैन. नवरात्रि के पहले दिन घट स्थापना की जाती है और 9 दिनों तक देवी के विभिन्न स्वरूपों की पूजा की जाती है। नवरात्रि के अंतिम दिन श्रीराम नवमी का उत्सव भी मनाया जाता है। इन 9 दिनों में देवी मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ती है। 9 दिनों तक मां दुर्गा के भक्त उपवास रखते हैं और पूजा अर्चना करते हैं। चैत्र नवरात्रि वास्तु दोष (Chaitra Navratri Vastu Remedies) दूर करने के लिए भी महत्वपूर्ण समय होता है। ऐसा कहा जाता है कि इन 9 दिनों में कुछ खास वास्तु उपपाय किए जाएं तो घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। आगे जानिए इन वास्तु उपायों के बारे में…
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इस दिशा में करें घट यानी कलश स्थापना
चैत्र नवरात्रि के पहले दिन घट यानी कलश की स्थापना की जाती है। ये काम 2 अप्रैल, शनिवार को किया जाएगा। कलश स्थापना करते समय वास्तु से जुड़े कुछ नियमों का पालन जरूर करना चाहिए। वास्तु शास्त्र के अनुसार, कलश स्थापना ईशान कोण (उत्तर-पूर्व) में करना चाहिए। धर्म ग्रंथों में यह दिशा पूजा संबंधित कामों के लिए सबसे उत्तम मानी गई है।
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अखंड ज्योति जलाते समय ध्यान रखें ये बात
चैत्र नवरात्रि के पहले दिन घट स्थापना के साथ ही अखंड ज्योति भी जलाई जाती है। इसके बिना नवरात्रि की पूजा अधूरी मानी जाती है। वास्तु शास्त्रियों की मानें तो अखंड ज्योति को आग्नेय कोण (दक्षिण-पूर्व) में रखना उत्तम होता है। ऐसा करने से परिवार में आरोग्यता बनी रहती है यानी बीमारियां दूर होती हैं।
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बिजनेस की तरक्की के लिए ये उपाय करें
चैत्र नवरात्रि में किए गए उपाय भी बहुत ही जल्दी शुभ फल प्रदान करते हैं। अगर आपके बिजनेस में तरक्की नहीं हो रही है या चलता हुआ व्यापार ठप्प हो गया है तो चैत्र नवरात्रि के दौरान पानी से भरे कलश में लाल और पीले फूल डालकर ऑफिस या दुकान के मेन गेट पर इस कलश को पूर्व या उत्तर दिशा में रख दें। इससे बिजनेस में आ रही समस्याएं दूर हो सकती हैं।
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