सार

हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि से नवमी तक नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। नवरात्रि (Chaitra Navratri 2022) के पहले दिन मिट्टी के छोटे-छोटे बर्तनों में जवारे बोए जाते हैं।

उज्जैन. नवरात्रि का समापन होने के बाद दूसरे दिन यानी चैत्र शुक्ल दशमी तिथि को ये जवारे (Jawara Visarjan 2022) नदी में प्रवाहित कर दिए जाते हैं। इस बार ये तिथि 11 अप्रैल, सोमवार को है। नवरात्रि में जौ बोने की परंपरा के पीछे गहरा मनोविज्ञान है। उसके अनुसार सृष्टि के आरंभ में जौ ही सबसे पहली फसल थी। इस फसल को हम देवी मां को अर्पित करते हैं और नवरात्रि समापन के बाद नदी में प्रवाहित कर देते हैं। आयुर्वेद में भी जवारों का विशेष महत्व बताया गया है। आगे जानिए जवारे विसर्जन की विधि, शुभ मुहूर्त व अन्य खास बातें…

ये भी पढ़ें- Ram Navami 2022: मुसीबत के समय किन 4 की होती है परीक्षा? ये हैं रामचरित मानस के लाइफ मैनेजमेंट

ये है जवारे विसर्जन का शुभ मुहूर्त (Jawara Visarjan 2022 Shubh Muhurta)
अभिजित मुहूर्त - सुबह 11:55 से दोपहर 12:45 तक
विजय मुहूर्त - दोपहर 02:30 से 03:20 तक
शुभ चौघड़िया मुहूर्त - दोपहर 3:30 से शाम 6:40 तक

ये भी पढ़ें- Ram Navami 2022 Puja Muhurat: कब करें राम नवमी का पूजन, ये है श्रेष्ठ मुहूर्त , नोट कर लें समय
 

11 अप्रैल को इस विधि से करें जवारे विसर्जन (Jawara Visarjan method)
- नवरात्रि समापन के अगले दिन यानी 11 अप्रैल, सोमवार को जवारे विसर्जन के पूर्व गंध, चावल, फूल, आदि से इसकी पूजा करें तथा इस मंत्र से देवी की आराधना करें-

रूपं देहि यशो देहि भाग्यं भगवति देहि मे।
पुत्रान् देहि धनं देहि सर्वान् कामांश्च देहि मे।।
महिषघ्नि महामाये चामुण्डे मुण्डमालिनी।
आयुरारोग्यमैश्वर्यं देहि देवि नमोस्तु ते।।

- इसके बाद जवारों को नदी, तालाब या अन्य किसी जल स्त्रोत पर ले जाएं और प्रार्थना करने के बाद हाथ में चावल व फूल लेकर जवारों का इस मंत्र के साथ विसर्जन करना चाहिए-
गच्छ गच्छ सुरश्रेष्ठे स्वस्थानं परमेश्वरि।
पूजाराधनकाले च पुनरागमनाय च।।

- इस प्रकार पूजा करने के बाद जवारों का विसर्जन कर देना चाहिए। साथ ही साथ इन 9 दिनों में उपयोग की गई पूजन सामग्री भी नदी में विसर्जित कर देना चाहिए।

ये भी पढ़ें- Ram Navami 2022: ये हैं भगवान श्रीराम के 10 मंत्र, किसी एक भी जाप करने से दूर हो सकती हैं परेशानियां

आयुर्वेद में जवारों का महत्व
- आयुर्वेद में जवारों को औषधि माना गया है। जवारे जब पक जाएं या उसका रस निकालकर पीने से कई तरह के रोगों में आराम मिलता है। पेट से संबंधित हर बीमारी इस रस को पीने से ठीक हो सकती है।
- जवारों के रस में शरीर को स्वस्थ रखने वाले तत्व जैसे कार्बोहाईड्रेट, विटामिन, क्षार एवं प्रोटीन पाए जाते हैं। विटामिन बी की कमी होने से होने वाली बीमारियां भी इस रस को पीने से ठीक होती हैं।
- जिन लोगों को कम दिखाई देता है या रंतौधी रोग हो, उन्हें रोज सुबह उठकर जवारों का रस पीना चाहिए। इससे इन्हें फायदा हो सकता है।
 

ये भी पढ़ें 

Ram Navami 2022: 10 साल बाद राम नवमी पर पूरे दिन रहेगा ये शुभ योग, ये उपाय बना सकते हैं आपके बिगड़े काम


Durga Aarti Lyrics in Hindi: देवी मां की ये आरतियां हैं सबसे ज्यादा फेमस, इन्हें सुन झूमने लगते हैं भक्त

Chaitra Navratri 2022 Ashtami Date: कब से कब तक रहेगी अष्टमी तिथि, जानिए इस तिथि का महत्व

Mangal Gochar 2022: उज्जैन में है मंगल देवता का प्राचीन मंदिर, पूरे भारत में सिर्फ यहां होती है ये ‘खास’ पूजा

Ram Navami 2022: पाना चाहते हैं सक्सेस तो हमेशा ध्यान रखें भगवान श्रीराम की ये 5 लाइफ मैनेजमेंट टिप्स