सार
अधिक मास 18 सितंबर से शुरू हो चुका है, जो 16 अक्टूबर तक रहेगा। इस महीने में भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण की भक्ति का विशेष महत्व है, इसलिए इसे पुरुषोत्तम मास भी कहते हैं। इस महीने में अगर कुछ खास उपाय किए जाएं तो भगवान श्रीकृष्ण अपने भक्तों पर प्रसन्न होते हैं।
उज्जैन. अधिक मास 18 सितंबर से शुरू हो चुका है, जो 16 अक्टूबर तक रहेगा। इस महीने में भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण की भक्ति का विशेष महत्व है, इसलिए इसे पुरुषोत्तम मास भी कहते हैं। इस महीने में अगर कुछ खास उपाय किए जाएं तो भगवान श्रीकृष्ण अपने भक्तों पर प्रसन्न होते हैं। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रफुल्ल भट्ट के अनुसार, मंत्र जाप द्वारा भी भगवान श्रीकृष्ण की कृपा पाई जाती है। भगवान श्रीकृष्ण के प्रमुख मंत्र और उसके जाप की विधि इस प्रकार है-
ये हैं प्रमुख कृष्ण मंत्र
1. ऊं नमो नारायणाय नम:
2. ऊं देवकीसुत गोविन्द वासुदेव जगत्पते
3. ऊं श्रीकृष्णाय नम:
4. ऊं नमो भगवते वासुदेवाय नम:
5. क्लीं ह्रषीकेशाय नम:
6. ऊं ह्रषिकेशाय नम:
7. श्रीकृष्ण शरणं मम
8. ऊं गोकुल नाथाय नमः
जाप विधि
1. सुबह स्नान आदि करने के बाद भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करें। पीले वस्त्र अपर्ण करें। माखन-मिश्री का भोग लगाएं।
2. इसके बाद तुलसी की माला से इनमें से किसी एक मंत्र का जाप करें।
3. कम से कम 108 बार मंत्र जाप अवश्य करें।
4. इस प्रकार विधि-विधान पूर्वक मंत्र जाप करने से आपकी समस्या दूर हो सकती है।