सार

1 अगस्त, शनिवार को श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि है। इस दिन भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए व्रत व पूजा की जाती है, जिसे प्रदोष व्रत कहते हैं।

उज्जैन. ये तिथि शनिवार को होने से शनि प्रदोष का योग इस बार बन रहा है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार, जिन लोगों पर इस समय शनि की साढ़ेसाती या ढय्या चल रही है वो नीचे लिखे मंत्र का विधि-विधान से जाप करें तो शनिदेव प्रसन्न होंगे और आपके सभी संकट टल सकते हैं। ये मंत्र और इसके जाप की विधि इस प्रकार है-

वैदिक मंत्र
ऊँ शन्नोदेवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये शन्योरभिस्त्रवन्तु न:।

इस विधि से करें मंत्र का जाप
1. शनि प्रदोष के शुभ योग में सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद लाल कपड़े पर शनिदेव का चित्र स्थापित करें।
2. इसके बाद शनिदेव की पूजा करें और सरसों के तेल का दीपक लगाएं।
3. शनिदेव को नीले रंग के फूल चढ़ाएं और उड़द की दाल की खिचड़ी का भोग लगाएं।
4. इसके बाद कुश का आसन पर बैठकर रुद्राक्ष की माला से ऊपर लिखे मंत्र का जाप करें। इस मंत्र के जाप से आपकी हर समस्या दूर हो सकती है।