सार
हिंदू धर्म में हर देवी-देवता के लिए एक अलग पूजा पद्धति बताई गई है। उसी के अनुसार पूजा करने से पूरा फल मिल पाता है। कई बार पूजा करते समय हम लोगों से कुछ भूल भी हो जाती है।
उज्जैन. हिंदू धर्म में हर देवी-देवता के लिए एक अलग पूजा पद्धति बताई गई है। उसी के अनुसार पूजा करने से पूरा फल मिल पाता है। कई बार पूजा करते समय हम लोगों से कुछ भूल भी हो जाती है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार, पूजा के दौरान यदि कोई गलती हो भी जाए तो अंत में
नीचे लिखा मंत्र बोलना चाहिए।
मंत्र
अपराधसहस्त्राणि क्रियन्तेऽहर्निशं मया।
दासोऽयमिति मां मत्वा क्षमस्व परमेश्वर।।
गतं पापं गतं दु:खं गतं दारिद्रय मेव च।
आगता: सुख-संपत्ति पुण्योऽहं तव दर्शनात्।।
अर्थ- हे परमेश्वर। मेरे द्वारा रात-दिन हजारों अपराध होते रहते हैं। यह मेरा दास है- ऐसा समझकर मेरे उन अपराधों को आप कृपापूर्वक क्षमा करो। आपके दर्शनों से मेरे पापों और दुखों का नाश हो, दरिद्रता दूर हो और मुझ सुख-संपत्ति प्राप्त हो। ऐसा वरदान दें।
ध्यान रखें ये बातें भी
1. प्रत्येक पूजा के अंत में ये मंत्र जरूर बोलना चाहिए, इससे भगवान की कृपा आप पर बनी रहेगी।
2. अगर देवी की पूजा कर रहे हैं तो परमेश्वर के स्थान पर परमेश्वरी बोलें।
3. मंत्र जाप या पाठ करने के बाद भी ये मंत्र बोल सकते हैं क्योंकि जाने-अनजाने में हमसे कोई न कोई भूल हो ही जाती है।