सार
इस बार 8 मई, शनिवार को शनि प्रदोष का योग बन रहा है। इस योग में शनिदेव की पूजा करना श्रेष्ठ रहता है। न्यूमरोलॉजी के अनुसार अंक 8 के स्वामी भी शनि हैं।
उज्जैन. जिन लोगों पर इस समय शनि की साढ़ेसाती और ढय्या का प्रभाव वे इस दिन शनिदेव को प्रसन्न करने के कुछ विशेष उपाय करें तो उनकी परेशानियां कुछ कम हो सकती हैं। ये हैं वो उपाय…
उपाय-1
शनिवार को ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करे लें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। इसके बाद किसी पीपल के वृक्ष में जल अर्पित करें और ''ऊं शं शनैश्चराय नम:'' मंत्र का जाप करें। जाप पूर्ण होने पर पीपल की सात परिक्रमा करें। इसके बाद पीपल के प्रणाम करके घर आ जाएं। हो सके तो एक ही समय भोजन करें। इससे शनिदेव की कृपा होती है और आपके बिगड़े काम बनने लगते हैं।
उपाय-2
यदि शनिदोष के कारण आपके कार्यों में अड़चने आ रही हो तो शनि प्रदोष के शुभ योग में भगवान शिव और हनुमान जी की पूजा करनी चाहिए। शनिदेव भगवान शिव अपना गुरू मानते हैं इसलिए उनकी पूजा से शनिदेव प्रसन्न होते हैं साथ ही हनुमान जी की आराधना करने वालों पर भी शनिदेव अपनी अशुभ दृष्टि नहीं डालते हैं। इस दिन हनुमान चालीसा का पाठ करना भी अच्छा रहता है।
उपाय-3
शनि प्रदोष के शुभ योग में जरूरतमंदों को अनाज का दान करें। कुष्ठ रोगियों को चप्पल-जूते का दान करें। काले कुत्ते को रोटी खिलाएं। पक्षियों के लिए दाना-पानी की व्यवस्था करें। गाय को हरा चारा खिलाएं। ये उपाय करने से भी शनि के अशुभ प्रभाव में कमी आ सकती है।
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