सार
Hanuman Ashtami Upay:इस बार हनुमान अष्टमी का पर्व 16 दिसंबर, शुक्रवार को मनाया जाएगा। इस दिन पवनपुत्र हनुमान की पूजा विशेष रूप से की जाती है। मान्यता है कि इस दिन कुछ खास उपाय किए जाएं तो जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
उज्जैन. धर्म ग्रंथों के अनुसार, पौष मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को हनुमान अष्टमी (Hanuman Ashtami 2022) का पर्व मनाया जाता है। इस बार ये तिथि 16 दिसंबर, शुक्रवार को है। वैसे तो ये पर्व पूरे देश में मनाया जाता है, लेकन मध्य प्रदेश के उज्जैन, इंदौर और इसके आस-पास के क्षेत्रों में इस पर्व पर बड़ी धूम रहती है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी के अनुसार, ये पर्व हनुमानजी की पूजा के लिए बहुत ही शुभ है। इस दिन किए गए उपायों से हनुमानजी बहुत जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं और अपने भक्तों की हर इच्छा पूरी करते हैं। आगे जानिए ऐसे ही कुछ आसान उपायों के बारे में…
हनुमानजी को चोला चढ़ाएं
हनुमान अष्टमी पर सुबह स्नान आदि करने के बाद हनुमानजी की प्रतिमा पर सिंदूर और चमेली के तेल से चोला चढ़ाएं। इस दौरान ऊं हं हनुमते नम: मंत्र का जाप करते रहें। चोला चढ़ाने के बाद हनुमानजी के सामने शुद्ध घी का दीपक जलाएं और हनुमान चालीसा का 7 बार पाठ करें। इस उपाय से आपकी हर कामना पूरी हो सकती है।
हनुमान अष्टक का पाठ करें
हनुमान अष्टक भी हनुमान चालीसा की तरह ही शुभ फल प्रदान करती हैं। हनुमान अष्टमी पर सुबह उठकर स्नान करने के बाद एक साफ आसन पर बैठकर हनुमान अष्टक का पाठ करें। इस दौरान शुद्ध घी की दीपक जलते रहना चाहिए। इस उपाय से भय दूर होता है और मन में शांति का अनुभव होता है।
बरगद के पत्तों की माला करें अर्पित
हनुमान अष्टमी की सुबह बरगद के पेड़ से 11 पत्तों तोड़ें और इन्हें पानी से धोकर शुद्ध कर लें। अब इन पत्तों पर लाल चंदन से श्रीराम लिखकर इसकी माला बना लें। इस माला को हनुमानजी की प्रतिमा पर चढ़ाएं और अपनी मनोकामना कहें। कुछ ही समय में आपकी इच्छा जरूर पूरी हो सकती है।
हनुमानजी के मंत्रों का जाप करें
हनुमान अष्टमी की सुबह जल्दी उठकर पहले स्नान आदि करें और इसके बाद हनुमानजी की पूजा करें। हनुमानजी की प्रतिमा या चित्र के सामने आसन लगाकर नीचे लिखे किसी एक मंत्र का जाप कम से कम 11 माला करें। ये है वो मंत्र-
1. ऊं हं हनुमते नम:
2. ऊं हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट
3. ऊं नमो हनुमते रुद्रावताराय सर्वशत्रुसंहारणाय सर्वरोग हराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा।
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