सार

जिन लोगों की कुंडली में पितृ दोष होता है, उन्हें अपने जीवन में कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इस दोष के अशुभ प्रभाव को करने के लिए कुछ उपाय किए जा सकते हैं। पितृ दोष के उपाय वैसे तो कभी भी किए जा सकते हैं लेकिन अमावस्या तिथि इसके लिए उपयुक्त होती है।

उज्जैन. धर्म ग्रंथों के अनुसार, अमावस्या तिथि का स्वामी पितृ देवता हैं। इस बार 28 जुलाई, गुरुवार को श्रावण मास की अमावस्या है। इसे हरियाली अमावस्या (Hariyali Amavasya 2022) कहते हैं। इस दिन अगर पितृ दोष के उपाय किए जाए तो हर तरह की परेशानी से बचा जा सकता है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी के अनुसार, अमावस्या तिथि पर पितृ स्त्रोत का पाठ करना बहुत ही शुभ होता है। आगे जानिए पितृ स्त्रोत और इससे मिलने वाले फायदे…

पितृ स्त्रोत
अर्चितानाममूर्तानां पितृणां दीप्ततेजसाम्।
नमस्यामि सदा तेषां ध्यानिनां दिव्यचक्षुषाम्।।
इन्द्रादीनां च नेतारो दक्षमारीचयोस्तथा।
सप्तर्षीणां तथान्येषां तान् नमस्यामि कामदान्।।
मन्वादीनां च नेतार: सूर्याचन्दमसोस्तथा।
तान् नमस्यामहं सर्वान् पितृनप्युदधावपि।।
नक्षत्राणां ग्रहाणां च वाय्वग्न्योर्नभसस्तथा।
द्यावापृथिवोव्योश्च तथा नमस्यामि कृताञ्जलि:।।
देवर्षीणां जनितृंश्च सर्वलोकनमस्कृतान्।
अक्षय्यस्य सदा दातृन् नमस्येहं कृताञ्जलि:।।
प्रजापते: कश्पाय सोमाय वरुणाय च।
योगेश्वरेभ्यश्च सदा नमस्यामि कृताञ्जलि:।।
नमो गणेभ्य: सप्तभ्यस्तथा लोकेषु सप्तसु।
स्वयम्भुवे नमस्यामि ब्रह्मणे योगचक्षुषे।।
सोमाधारान् पितृगणान् योगमूर्तिधरांस्तथा।
नमस्यामि तथा सोमं पितरं जगतामहम्।।
अग्रिरूपांस्तथैवान्यान् नमस्यामि पितृनहम्।
अग्रीषोममयं विश्वं यत एतदशेषत:।।
ये तु तेजसि ये चैते सोमसूर्याग्रिमूर्तय:।
जगत्स्वरूपिणश्चैव तथा ब्रह्मस्वरूपिण:।।
तेभ्योखिलेभ्यो योगिभ्य: पितृभ्यो यतामनस:।
नमो नमो नमस्तेस्तु प्रसीदन्तु स्वधाभुज।।

पितृ स्त्रोत(Pitra Stotra) के फायदे…
1.
जो व्यक्ति प्रत्येक अमावस्या तिथि पर पितृ स्त्रोत का पाठ करता है, पितृ उससे सदैव प्रसन्न रहते हैं और उसके घर-परिवार में हमेशा सुख-समृद्धि बनी रहती है। 
2. अगर परिवार में हमेशा कोई न कोई बीमार रहता है तो इस स्त्रोत का पाठ करने से इस समस्या का निदान भी हो सकता है।
3. जिसकी कुंडली में पितृ दोष होता है और वह व्यक्ति नियमित रूप से इस स्त्रोत का पाठ करे तो जल्दी ही शुभ फल मिलने लगते हैं।
4. अगर पितृ दोष के कारण काम में बाधाएं आ रही हो तो इस स्त्रोत का पाठ करने से हर काम बिना रुकावट के पूरा हो सकता है।
5. संतान संबंधी परेशानी हो तो भी इस स्त्रोत का पाठ करने से फायदा मिलता है।

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