सार
ज्योतिष शास्त्र में शुक्र ग्रह को समस्त भौतिक सुखों का कारक माना जाता है। यह तुला और वृष राशि का स्वामी है। जिसकी कुंडली में ये ग्रह प्रबल होता है उसे सभी तरह की भौतिक सुख-सुविधाएं मिलती हैं।
उज्जैन. ज्योतिष शास्त्र में शुक्र ग्रह को समस्त भौतिक सुखों का कारक माना जाता है। यह तुला और वृष राशि का स्वामी है। जिसकी कुंडली में ये ग्रह प्रबल होता है उसे सभी तरह की भौतिक सुख-सुविधाएं मिलती हैं। इस ग्रह के प्रभाव वाले लोग अपने जीवन में खूब यश और कीर्ति पाते हैं।
शुक्र कमजोर होने के लक्षण
- कुंडली में शुक्र के कमजोर होने से व्यक्ति को आर्थिक परेशानियां और भौतिक चीजों की कमी सताने लगती है।
- जीवन में दरिद्रता का आगमन भी शुक्र ग्रह के पीड़ित होने के कारण आती है। व्यक्ति में आकर्षण खत्म हो जाता है।
- वह साफ-सुथरे तरीके से नहीं रहता है। स्त्री सुख में कमी आ जाती है। वैवाहिक सुख कम हो जाता है। कामुकता शक्ति क्षीण हो जाती है।
शुक्र को मजबूत करने के उपाय
1. शुक्र ग्रह को शुभ बनाने के लिए इस मंत्र का जाप किया जाता है-
ॐ शुं शुक्राय नम:।
ॐ हिमकुन्दमृणालाभं दैत्यानां परमं गुरुं
2. कुंडली में शुक्र ग्रह को मजबूत करने के लिए शुक्रवार का व्रत रखें और मां लक्ष्मी की उपासना करें।
3. शुक्र की शुभता के लिए चींटियों और सफेद गाय को आटा खिलाना चाहिए।
4. शुक्र यंत्र को विधि-विधान से पूजित कर पूजा स्थल पर रखें।
5. शुक्र को प्रबल करने के लिए हीरा और सफेद पुखराज पहना जाता है।
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