सार

Janmashtami 2022 Date: भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करते समय बहुत सी बातों का ध्यान रखना चाहिए, नहीं तो पूजा का पूरा फल नहीं मिल पाता। और अगर ये पूजा श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की हो तो इन बातों का ध्यान रखना और भी जरूरी हो जाता है। 
 

उज्जैन. इस बार पंचांग भेद के कारण जन्माष्टमी (Janmashtami 2022) पर्व 18 व 19 अगस्त को मनाया जाएगा। इस दिन प्रमुख कृष्ण मंदिरों में भगवान की विशेष पूजा की जाती है। ब्रह्मवैवर्त पुराण में भगवान श्रीकृष्ण की संपूर्ण पूजा विधि बहुत ही आसान तरीके से बताई गई है। इस विधि से की गई पूजा आपकी हर परेशानी दूर कर सकती है। ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण की पूजा में 10 चीजों का होना बहुत जरूरी है। आगे जानिए कौन-सी है वो 10 चीजें…

1. आसन
ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार, सबसे पहले भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति की स्थापना सुंदर आसन या झूले पर करनी चाहिए। आसन लाल, पीले या केसरिया रंग का हो तो और भी शुभ रहता है।

2. पाद्य
पूजा से पहले भगवान श्रीकृष्ण के पैरों को धोया जाता है। जिस बर्तन में ये काम किया जाता है, उसे पाद्य कहते है। इसमें शुद्ध पानी भरकर, फूलों की पंखुड़ियां डालना चाहिए। इस तरह शुद्ध जल से श्रीकृष्ण के पैरों को धोने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है।

3. पंचामृत
पंचामृत घर पर आसानी से तैयार हो जाता है। इसके लिए शहद, घी, दही, दूध और शक्कर- इन पांचों को मिलाना चाहिए। फिर एक साफ बर्तन में इसका भोग भगवान श्रीकृष्ण को लगाना चाहिए।

4. अनुलेपन
ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण की पूजा में अनुलेपन भी जरूरी है। दूर्वा, कुंकुम, चावल, अबीर, अगरु, सुगंधित फूल और शुद्ध जल को अनुलेपन कहा जाता है।

5. आचमनीय
हिंदू धर्म के अनुसार, आचमन (शुद्धिकरण) के लिए प्रयोग में आने वाला जल आचमनीय कहलाता है। इसमें गुलाब के फूल भी डाल सकते हैं।

6. स्नानीय
पूजा से पहले भगवान श्रीकृष्ण को स्नान करवाया जाता है। इसके लिए उपयोग में आने वाले पानी जिसमें इत्र आदि में मिलाया जाता है, को स्नानीय कहा जाता है।

7. फूल
श्रीकृष्ण की पूजा में फूलों की विशेष महत्व है। लेकिन इस बात का विशेष ध्यान रखें कि ये फूल ताजे हों। वैसे तो श्रीकृष्ण को कोई भी फूल चढ़ाए जा सकते हैं, लेकिन कुमुद, करवरी, चणक, मालती, पलाश व वनमाला के फूल इन्हें अति प्रिय हैं।

8. भोग
जन्माष्टमी की पूजा के लिए बनाए जा रहें भोग में मिश्री, ताजी मिठाइयां, ताजे फल, लड्डू और गाय के दूध की खीर विशेष रूप से होनी चाहिए। भोग में तुलसी के पत्ते जरूर रखें। इसके बिना भगवान भोग स्वीकार नहीं करते।

9. धूप
पूजा के लिए धूप (सुगंधित वनस्पति) का विशेष रूप से उपयोग किया जाता है। वर्तमान में इससे बनी अगरबत्ती और धूप बत्ती भी बाजार में आसानी से मिल जाती है। ये भगवान श्रीकृष्ण को अति प्रिय है।

10. दीप
पूजा के अंत में भगवान की आरती जरूर की जाती है। इसके लिए चांदी, तांबे या मिट्टी के बने दीपक का उपयोग किया जाता है। भगवान श्रीकृष्ण की आरती गाय के शुद्ध घी से करना चाहिए। 


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