सार

Janmashtami 2022 Upay: श्रीमद्भागवत के अनुसार, भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को भगवान विष्णु ने कृष्ण रूप में अवतार लिया था। तभी से इस तिथि पर भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव बड़े ही धूम-धूम से मनाया जाता है। 

उज्जैन. ज्योतिष शास्त्र में 4 रातों को बहुत ही खास माना गया है। मान्यता है कि इन चार रात्रि में की गई पूजा व उपाय बहुत ही जल्दी शुभ फल प्रदान करते हैं। जन्माष्टमी की रात्रि भी इनमें से एक है। इसे मोहरात्रि कहा जाता है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी के अनुसार, जन्माष्टमी (Janmashtami 2022 Upay) की रात यदि देवी लक्ष्मी के मंत्रों का जाप राशि अनुसार किया जाए तो धन लाभ के योग बन सकते हैं। ये मंत्र बहुत ही आसान हैं, जिनका जाप कोई भी कर सकता है। जन्माष्टमी (18 व 19 अगस्त) के मौके पर जानिए इन मंत्रों के बारे में… 

मेष राशि: इस राशि का स्वामी मंगल है। ये लोग कमलगट्टे की माला से ऊं ऐं क्लीं सौं: मंत्र का जाप करें।

वृषभ राशि: इस राशि का स्वामी शुक्र है। ये लोग स्फटिक की माला से ऊं ऐं क्लीं श्रीं मंत्र का जाप करें। 

मिथुन राशि: इस राशि का स्वामी बुध है। ये लोग कमलगट्टे की माला से ऊं क्लीं ऐं सौं: मंत्र का जाप करें। 

कर्क राशि: इस राशि का स्वामी चंद्रमा है। ये लोग स्फटिक की माला से ऊं ऐं क्लीं श्रीं मंत्र का जाप करें।

सिंह राशि: इस राशि के स्वामी सूर्यदेव हैं। ये लोग कमलगट्टे की माला से ऊं ह्रीं श्रीं सौं: मंत्र का जाप करें। 

कन्या राशि: इस राशि का स्वामी बुध है। ये लोग स्फटिक की माला से ऊं श्रीं ऐं सौं: मंत्र का जाप करें। 

तुला राशि: इस राशि का स्वामी शुक्र है। ये लोग कमलगट्टे की माला से ऊं ह्रीं क्लीं श्रीं मंत्र का जाप करें। 

वृश्चिक राशि: इस राशि का स्वामी मंगल है। ये लोग स्फटिक की माला से ऊं ऐं क्लीं सौं: मंत्र का जाप करें- 

धनु राशि: इस राशि का स्वामी गुरु ग्रह है। ये लोग कमलगट्टे की माला से ऊं ह्रीं क्लीं सौं: मंत्र का जाप करें। 

मकर राशि: इस राशि के स्वामी शनिदेव हैं। ये लोग स्फटिक की माला से ऊं ऐं क्लीं ह्रीं श्रीं सौं: मंत्र का जाप करें। 

कुंभ राशि: इस राशि के स्वामी भी शनिदेव ही हैं। ये लोग कमलगट्टे की माला से ऊं ह्रीं ऐं क्लीं श्रीं मंत्र का जाप करें। 

मीन राशि: इस राशि का स्वामी गुरु ग्रह है। ये लोग स्फटिक की माला से ऊं ह्रीं क्लीं सौं: मंत्र का जाप करें। 



इस विधि से करें मंत्र जाप 
जन्माष्टमी  की रात 12 बजे बाद स्नान करें और पीले वस्त्र पहनकर भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करें। इसके बाद स्फटिक या कमलगट्टे की माला से राशि अनुसार मंत्रों का जाप करें। कम से कम 5 माला जाप अवश्य करें। इस विधि से मंत्र जाप करने से जल्दी ही धन लाभ लाभ के योग बन सकते हैं।


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