सार

शिवपुराण के अनुसार शिव पूजा में शमी के पत्तों का विशेष महत्व है। ये पेड़ पूजनीय और पवित्र है।

उज्जैन. ज्योतिष में कुल नौ ग्रह सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि और राहु-केतु बताए गए हैं। इन नौ ग्रहों में शनि, राहु-केतु को क्रूर ग्रह माना गया है। इनकी वजह से कुंडली के सभी शुभ योगों का असर खत्म हो सकता है। इन ग्रहों के दोष दूर करने के लिए शिवजी की पूजा सबसे सरल और कारगर उपाय है। शिवपुराण के अनुसार शिव पूजा में फूल-पत्तियां चढ़ाने का विशेष महत्व है। शिवलिंग पर बिल्व पत्र तो सभी चढ़ाते हैं, लेकिन इसके साथ ही शमी के पत्ते भी शिवलिंग पर अर्पित करना चाहिए।
उज्जैन के इंद्रेश्वर महादेव मंदिर के पुजारी पं. सुनील नागर के अनुसार शमी पत्तों का काफी अधिक महत्व है। ये पेड़ पूजनीय और पवित्र है। घर में शमी का वृक्ष लगाने से शनि के सभी दोषों से मुक्ति मिल सकती है। साथ ही, शमी के पत्ते शिवलिंग पर चढ़ाने से धन और सौभाग्य की इच्छा पूरी होती है। सावन के अंतिम दिन (15 अगस्त, गुरुवार) को शमी के पत्ते इस विधि से शिवलिंग पर चढ़ाएं-

ऐसे चढ़ाएं शमी के पत्ते
- सुबह शिव मंदिर जाएं और तांबे के लोटे में गंगाजल या साफ जल में थोड़ा सा गंगाजल मिला लें।
- इसके बाद चावल, सफेद चंदन भी पानी में मिला लें। ऊँ नम: शिवाय मंत्र बोलते हुए ये जल शिवलिंग पर अर्पित करें।
- तांबे के लोटे से जल चढ़ाने के बाद शिवलिंग पर चावल, बिल्वपत्र, सफेद वस्त्र, जनेऊ, मिठाई भी चढ़ाएं।
- इसके बाद शमी के पत्ते भी चढ़ाएं। शमी पत्ते चढ़ाते समय ये मंत्र बोलें
अमंगलानां च शमनीं शमनीं दुष्कृतस्य च।
दु:स्वप्रनाशिनीं धन्यां प्रपद्येहं शमीं शुभाम्।।
- शमी पत्र चढ़ाने के बाद शिवजी की धूप, दीप और कर्पूर से आरती कर प्रसाद ग्रहण करें।

मिलते हैं ये फायदे
ये उपाय करते रहने से शनि, राहु-केतु के दोष दूर होते हैं और दुर्भाग्य से छुटकारा मिलता है। कार्यों में सफलता मिलती है और घर-परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है।