सार
कई बार पारिवारिक जिम्मेदारियों को निभाने के लिए लोगों को कर्ज लेना पड़ता है। गलत दिन या नक्षत्र में लिया गया पैसा आसानी से नहीं चुकता। ऐसी स्थिति में कर्ज पर ब्याज बढ़ता रहता है। कई बार स्थिति काफी परेशानी वाली हो जाती है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रफुल्ल भट्ट के अनुसार, ऐसी स्थिति में हर बुधवार को ऋणहर्ता गणपति स्त्रोत का पाठ करने से आपकी इस समस्या का निदान हो सकता है।
उज्जैन. कई बार पारिवारिक जिम्मेदारियों को निभाने के लिए लोगों को कर्ज लेना पड़ता है। गलत दिन या नक्षत्र में लिया गया पैसा आसानी से नहीं चुकता। ऐसी स्थिति में कर्ज पर ब्याज बढ़ता रहता है। कई बार स्थिति काफी परेशानी वाली हो जाती है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रफुल्ल भट्ट के अनुसार, ऐसी स्थिति में हर बुधवार को ऋणहर्ता गणपति स्त्रोत का पाठ करने से आपकी इस समस्या का निदान हो सकता है।
ध्यान
ॐ सिन्दूर-वर्णं द्वि-भुजं गणेशं लम्बोदरं पद्म-दले निविष्टम्।
ब्रह्मादि-देवैः परि-सेव्यमानं सिद्धैर्युतं तं प्रणामि देवम्।।
।।मूल-पाठ।।
सृष्ट्यादौ ब्रह्मणा सम्यक् पूजित: फल-सिद्धए।
सदैव पार्वती-पुत्र: ऋण-नाशं करोतु मे।।1
त्रिपुरस्य वधात् पूर्वं शम्भुना सम्यगर्चित:।
सदैव पार्वती-पुत्र: ऋण-नाशं करोतु मे।।2
हिरण्य-कश्यप्वादीनां वधार्थे विष्णुनार्चित:।
सदैव पार्वती-पुत्र: ऋण-नाशं करोतु मे।।3
महिषस्य वधे देव्या गण-नाथ: प्रपुजित:।
सदैव पार्वती-पुत्र: ऋण-नाशं करोतु मे।।4
तारकस्य वधात् पूर्वं कुमारेण प्रपूजित:।
सदैव पार्वती-पुत्र: ऋण-नाशं करोतु मे।।5
भास्करेण गणेशो हि पूजितश्छवि-सिद्धए।
सदैव पार्वती-पुत्र: ऋण-नाशं करोतु मे।।6
शशिना कान्ति-वृद्धयर्थं पूजितो गण-नायक:।
सदैव पार्वती-पुत्र: ऋण-नाशं करोतु मे।।7
पालनाय च तपसां विश्वामित्रेण पूजित:।
सदैव पार्वती-पुत्र: ऋण-नाशं करोतु मे।।8
इदं त्वृण-हर-स्तोत्रं तीव्र-दारिद्र्य-नाशनं,
एक-वारं पठेन्नित्यं वर्षमेकं सामहित:।
दारिद्र्यं दारुणं त्यक्त्वा कुबेर-समतां व्रजेत्।।
कैसे करें ऋणहर्ता गणपति स्त्रोत का पाठ?
- हर बुधवार सुबह उठकर स्नान आदि करने के बाद भगवान श्रीगणेश की पूजा करें।
- भगवान श्रीगणेश को दूर्वा चढ़ाएं और लड्डुओं का भोग लगाएं।
- इसके बाद शुद्ध घी का दीपक जलाकर ऋणहर्ता गणपति स्त्रोत का मन ही मन पाठ करें।
- इस तरह ऋणहर्ता गणपति स्त्रोत का पाठ करने से आपकी कर्ज से संबंधित समस्याएं दूर हो सकती हैं।