सार
इस बार 1 मार्च को महाशिवरात्रि (Mahashivratri 2022) पर्व मनाया जाएगा। ये भगवान शिव से संबंधित सबसे प्रमुख उत्सव है। भगवान शिव को भोलेनाथ भी कहा जाता है यानी सरल और निर्मल। भगवान शिव के स्वरूप से कई चीजें जुड़ी हैं, रुद्राक्ष (Rudraksh) भी उनमें से एक है।
उज्जैन. भगवान शिव इसे आभूषण के रूप में पहनते हैं। रुद्राक्ष के बिना महादेव का श्रृंगार ही अधूरा माना जाता है। शिवपुराण की विद्येश्वर संहिता में रुद्राक्ष के 14 प्रकार बताए गए हैं। एकमुखी रुद्राक्ष धारण करने वाला कभी गरीब नहीं होता, उस पर मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है, ऐसा शिवपुराण में लिखा है। महाशिवरात्रि (Mahashivratri 2022) के अवसर पर हम आपको रुद्राक्ष के प्रकार तथा उससे जुड़ी खास बातें बता रहे हैं।
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1. एक मुखी रुद्राक्ष
एक मुखी रुद्राक्ष की जहां पूजा होती है, वहां से माता लक्ष्मी दूर नहीं जातीं। यानी जो इस रुद्राक्ष को धारण करता है, वह कभी गरीब नहीं होता।
धारण करने का मंत्र- ऊं ह्रीं नम:
2. दो मुखी रुद्राक्ष
दो मुख वाला रुद्राक्ष देव देवेश्वर कहा गया है। यह सभी इच्छाएं पूरी करता है।
धारण करने का मंत्र- ऊं नम:
3. तीन मुखी रुद्राक्ष
तीन मुख वाला रुद्राक्ष सफलता दिलाता है।
धारण करने का मंत्र- ऊं क्लीं नम:
4. चार मुखी रुद्राक्ष
चार मुख वाले रुद्राक्ष के दर्शन तथा स्पर्श से धर्म, अर्थ, काम व मोक्ष की प्राप्ति होती है।
धारण करने का मंत्र- ऊं ह्रीं नम:
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5. पंचमुखी रुद्राक्ष
पांच मुख वाला रुद्राक्ष पहनने से अद्भुत मानसिक शक्ति का विकास होता है।
धारण करने का मंत्र- ऊं ह्रीं नम:
6. छ: मुखी रुद्राक्ष
जो भी छ: मुख वाला रुद्राक्ष पहनता है, उसके सभी पाप नष्ट हो जाते हैं।
धारण करने का मंत्र- ऊं ह्रीं हुं नम:
7. सात मुखी रुद्राक्ष
सात मुख वाला रुद्राक्ष धारण करने वाला गरीब भी राजा बन जाता है।
धारण करने का मंत्र- ऊं हुं नम:
8. अष्टमुखी रुद्राक्ष
आठ मुख वाला रुद्राक्ष पहनने से आयु बढ़ जाती है।
धारण करने का मंत्र- ऊं हुं नम:
9. नौमुखी रुद्राक्ष
नौ मुख वाला रुद्राक्ष पहनने से गुस्से पर नियंत्रण व ज्ञान की प्राप्ति होती है।
धारण करने का मंत्र- ऊं ह्रीं हुं नम:
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10. दस मुखी रुद्राक्ष
दस मुख वाला रुद्राक्ष धारण करने वाले मनुष्य की संपूर्ण इच्छाएं पूरी हो जाती हैं।
धारण करने का मंत्र- ऊं ह्रीं नम:
11. ग्यारह मुखी रुद्राक्ष
जो ग्यारह मुखवाला रुद्राक्ष पहनता है, किसी भी क्षेत्र में उसकी कभी हार नहीं होती।
धारण करने का मंत्र- ऊं ह्रीं हुं नम:
12. बारह मुखी रुद्राक्ष
बारह मुख वाले रुद्राक्ष को धारण करने से इज्जत, शोहरत, पैसा या अन्य किसी चीज की कोई कमी नहीं होती।
धारण करने का मंत्र- ऊं क्रौं क्षौं रौं नम:
13. तेरह मुखी रुद्राक्ष
तेरह मुख वाला रुद्राक्ष पहनने वाला मनुष्य सौभाग्य और मंगल लाभ प्राप्त करता है।
धारण करने का मंत्र- ऊं ह्रीं नम:
14. चौदह मुखी रुद्राक्ष
चौदह मुख वाला रुद्राक्ष परम शिवरूप है। इसे धारण करने पर समस्त पापों का नाश हो जाता है।
धारण करने का मंत्र- ऊं नम:
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ये हैं रुद्राक्ष पहनने के नियम
1. रुद्राक्ष को कभी भी काले धागे में धारण नहीं करना चाहिए इसे हमेशा लाल या पीले रंग के धागे में ही धारण करें।
2. रुद्राक्ष बेहद पवित्र होता है इसलिए इसे कभी अशुद्ध हाथों से न छुएं और स्नान करने के बाद शुद्ध होकर ही इसे धारण करें।
3. स्वयं का पहना हुआ रूद्राक्ष कभी भी किसी दूसरे को धारण करने के लिए नहीं देना चाहिए।
4. यदि आप रूद्राक्ष की माला बनवा रहे हैं तो हमेशा ध्यान रखें कि विषम संख्या में ही रुद्राक्ष धारण करें।
5. किसी खास इच्छा के लिए यदि रुद्राक्ष धारण करना हो तो किसी विद्वान से सलाह लेकर ही ये काम करें।
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