सार

14 मई की रात से सूर्य वृष राशि में प्रवेश कर चुका है। ये शुक्र के स्वामित्व वाली राशि है। वर्तमान में शुक्र ग्रह भी इसी राशि में वक्री स्थिति में है। शुक्र 25 जून तक इसी स्थिति में रहेगा।

उज्जैन. 14 मई की रात से सूर्य वृष राशि में प्रवेश कर चुका है। ये शुक्र के स्वामित्व वाली राशि है। वर्तमान में शुक्र ग्रह भी इसी राशि में वक्री स्थिति में है। शुक्र 25 जून तक इसी स्थिति में रहेगा। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार वृष राशि में सूर्य और शुक्र की युति बनने से मेष, वृषभ, कर्क, कन्या, तुला, वृश्चिक, मकर, कुंभ और मीन राशि के लिए समय पक्ष का रह सकता है। वहीं मिथुन, सिंह, धनु राशि के लोगों को अतिरिक्त सतर्कता रखनी चाहिए।

सूर्य के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए क्या करें?
भविष्य पुराण के ब्राह्म पर्व में सूर्य पूजा का महत्व बताया गया है। इस अध्याय में श्रीकृष्ण ने सांब को सूर्य की महिमा बताई है। इस पुराण के अनुसार रोज सुबह स्नान के बाद भगवान सूर्य को जल अर्पित करना चाहिए। इस शुभ काम से सूर्य के अशुभ प्रभाव से बचा जा सकता है। जल चढ़ाने के लिए तांबे के लोटे में जल भरें, इसमें चावल, फूल डालकर सूर्य को अर्घ्य अर्पित करना चाहिए।

जल अर्पित करते समय सूर्य मंत्र का जाप करें। इस जाप के साथ शक्ति, बुद्धि, स्वास्थ्य और सम्मान की कामना करना चाहिए। 
सूर्य मंत्र- ऊँ खखोल्काय स्वाहा। 
मंत्र जाप कम से कम 108 बार करना चाहिए। आप चाहें तो ऊँ सूर्याय नम: मंत्र का जाप करना चाहिए।

शुक्र के लिए क्या करें?
शुक्र ग्रह के लिए रोज सुबह शिवलिंग पर कच्चा दूध चढ़ाएं। जरूरतमंद लोगों को दूध का दान करें। ऊँ शुक्राय नम:। इस मंत्र जाप 108 बार शिवलिंग के सामने बैठकर हर शुक्रवार को करना चाहिए।