सार

ज्योतिष में कुल 12 राशियां बताई गई हैं। इन सभी 12 राशियों के अलग-अलग ग्रह स्वामी हैं। मेष और वृश्चिक का स्वामी मंगल है, वृष और तुला राशि का स्वामी शुक्र है।

उज्जैन. मिथुन और कन्या राशि का स्वामी बुध है। कर्क का चंद्र और सिंह का सूर्य है। धनु और मीन राशि का स्वामी गुरु है। बाकी 2 राशियों मकर और कुंभ के स्वामी शनिदेव है। यहां जानिए उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार शनि की राशियों का खास बातें...

शनि की इन राशियों पर रहती है विशेष कृपा
शनिदेव को ग्रहों का न्यायाधीश भी माना जाता है, इस कारण नौ ग्रहों में इनका विशेष स्थान है। शनिदेव की विशेष कृपा मकर और कुंभ राशि पर रहती है। अगर मकर और कुंभ राशि के लोगों की कुंडली में शनि शुभ स्थिति में हो तो इन्हें भाग्य का साथ मिलता है।

मकर राशि
1.
जिन लोगों के नाम का पहला अक्षर भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा या गी है, वे लोग मकर राशि के होते हैं। इस राशि के व्यक्ति अति महत्वाकांक्षी होते हैं। ये मान-सम्मान और सफलता प्राप्त करने के लिए लगातार काम करते रहते हैं।
2. ये लोग विलासिता की चीजें ज्यादा पसंद करते हैं, लेकिन इन्हें अपनी जरूरतें पूरी करने के लिए बहुत कठिन परिश्रम करना पड़ता है।
3. इन्हें यात्रा करना पसंद होता है। गंभीर स्वभाव के कारण आसानी से किसी को मित्र नहीं बनाते हैं।
4. सामान्यत: ये लोग कम बोलने वाले होते हैं। जहां जरूरत होती है, वहीं बोलते हैं।
5. ईश्वर और भाग्य पर विश्वास करते हैं। ये लोग देखने में भले ही सुस्त दिखे, लेकिन बहुत चुस्त होते हैं।

कुंभ राशि
1.
जिनके नाम का पहला अक्षर गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो है, वे लोग कुंभ राशि के होते हैं। ये राशि चक्र की ग्यारहवीं राशि है। कुंभ राशि का चिह्न घड़ा लिए खड़ा हुआ व्यक्ति है। इसलिए इस राशि के लोग गंभीरता को पसंद करने वाले होते हैं और गंभीरता से ही कार्य करते हैं।
2. कुंभ राशि वाले लोग बुद्धिमान होने के साथ-साथ व्यवहारकुशल होते हैं। आजादी से जीना पसंद करते हैं।
3. इस राशि के लोग किसी से भी जल्दी दोस्ती कर सकते हैं। ये लोग सामाजिक कार्यक्रमों में रुचि रखने वाले होते हैं।
4. इन्हें साहित्य, कला, संगीत और दान-पुण्य करना पसंद होता है।
5. कभी भी अपने मित्रों से असमानता का व्यवहार नहीं करते हैं। इनका व्यवहार सभी को इनकी ओर आकर्षित कर लेता है।