सार

आज (10 जून, गुरुवार) शनि जयंती है। जिन लोगों की कुंडली में शनि की साढ़ेसाती और ढय्या का प्रभाव है, उनके लिए ये दिन बहुत ही खास होता है।

उज्जैन. शनि जयंती पर कुछ विशेष उपाय करने से शनि दोष के प्रभाव को कुछ कम किया जा सकता है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रफुल्ल भट्‌ट के अनुसार, इस दिन कुछ उपाय करने से शनिदेव की कृपा अपने भक्तों पर बनी रहती है। शनि जयंती पर ये उपाय कर सकते हैं...

1. किसी विद्वान से चर्चा करने के बाद शनि जयंती पर सवा पांच रत्ती का नीलम या उपरत्न (नीली) सोना, चांदी या तांबे की अंगूठी में अभिमंत्रित करवा कर सीधे हाथ की मध्यमा अंगुली में पहनें।
2. शनि जयंती पर व्रत रखें। चींटियों को आटा डालें। जूते, काले कपड़े, अनाज व लोहे के बर्तन दान करें।
3. किसी भी विद्वान ब्राह्मण से या स्वयं शनि के मंत्रों के 23000 जाप करें या करवाएं।
मंत्र- ऊँ ऐं ह्लीं श्रीशनैश्चराय नम:।
4. शनिदेव का अभिषेक सरसों के तेल से करें व 108 दीपकों से आरती करें।
5. काले धागे में बिच्छू घास की जड़ को अभिमंत्रित करवा कर शनि जयंती पर धारण करने से भी शनि संबंधी सभी कामों में सफलता मिलती है।
6. शनि जयंती पर तथा हर शनिवार को उपवास रखें। सूर्यास्त के बाद हनुमानजी की पूजा करें।
7. शनि जयंती पर चोकर युक्त आटे की दो रोटी लेकर एक पर तेल और दूसरी पर घी चुपड़ दें। घी वाली रोटी पर मिठाई रखकर काली गाय को खिला दें तथा दूसरी रोटी काले कुत्ते को खिला दें।
8. शनि जयंती पर इन 10 नामों से शनिदेव की पूजा करें-
कोणस्थ पिंगलो बभ्रु: कृष्णो रौद्रोन्तको यम:।
सौरि: शनैश्चरो मंद: पिप्पलादेन संस्तुत:।।

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