सार
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, एक ग्रह एक निश्चित अवधि के बाद राशि बदलता है। कोई ग्रह बहुत तेजी से कोई बहुत धीमी गति से चलते हुए राशि परिवर्तन करता है। शनि ग्रह की बात करें तो सबसे धीमी गति से चलने वाला ग्रह है। ये ग्रह ये ढाई साल में एक बार राशि बदलता है। इसकी गति धीमी यानी शनै: होने के कारण ही इसका नाम शनि रखा गया है।
उज्जैन. इस बार शनि ग्रह 29 अप्रैल को राशि बदलकर मकर से कुंभ में प्रवेश करेगा। शनि का ये राशि परिवर्तन बहुत महत्वपूर्ण रहेगा क्योंकि ऐसा होते ही कुछ राशि वालों को साढ़ेसाती और ढय्या से राहत मिलेगी तो कुछ के बुरे दिन शुरू हो सकते हैं। आगे जानिए शनि के राशि परिवर्तन से किन राशियों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है और उससे बचने के लिए क्या उपाय करने चाहिए…
किन राशियों को मिलेगी राहत और किसके शुरू होंगे बुरे दिन?
- ज्योतिषियों के अनुसार शनि के कुंभ राशि में आते ही धनु राशि से साढ़ेसाती (Shani ki Sadesati) का प्रभाव खत्म हो जाएगा। वहीं मीन राशि पर शनि की साढ़ेसाती का पहला चरण शुरू हो जाएगा, यानी इस राशि वालों के बुरे दिन शुरू हो जाएंगे। कुंभ राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती का दूसरा चरण रहेगा और मकर राशि वालों पर तीसरा।
- शनि की ढय्या (Shani ki Dhaiya) की बात करें तो 29 अप्रैल से मिथुन और तुला राशि से ढय्या का प्रभाव खत्म हो जाएगा और कर्क व वृश्चिक राशि पर शुरू हो जाएगा। इसलिए इन दोनों राशि वालों को इस दौरान संभलकर रहना होगा।
ये उपाय बचा सकते हैं आपको शनि के प्रकोप से (Shani ke Upay)
1. शनि के प्रकोप से बचने के लिए प्रत्येक शनिवार को व्रत रखें और शनिदेव का अभिषेक सरसों के तेल से करें। शनिवार को शराब व मांसाहार का सेवन न करें।
2. कुष्ठ रोगियों की हरसंभव मदद करें। उन्हें कंबल, जूते-चप्पल व तेल में पका भोजन जैसे पुरी-भजिए आदि चीजों का दान करें। इससे शनिदेव प्रसन्न होते हैं।
3. किसी योग्य ज्योतिषी से सलाह लेकर शनि की शांति के लिए मंत्र जाप, हवन, पूजा आदि करवाएं। इसके लिए किसी शनि से संबंधित तीर्थ स्थान की यात्रा करें।
4. किसी शुभ मुहूर्त में शनि यंत्र की स्थापना अपने घर में करें और रोज उसकी पूजा करें। समय हो तो शनि यंत्र के सामने बैठकर शनि मंत्रों का जाप करें। इससे भी शुभ फल मिलते हैं।
5. गरीब व जरुरतमंदों को जूते-चप्पल आदि चीजों का दान करें। उन्हें भोजन करवाएं और हरसंभव सहायता करें।
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