सार

Shani Amavasya 2022: इस बार 27 अगस्त को शनिश्चरी अमावस्या रहेगी। इस दिन शनिदेव की पूजा और उपाय करने से शुभ फलों की प्राप्ति होगी साथ ही हर तरह की परेशानियों से भी आप बचे रह सकते हैं।
 

उज्जैन. ज्योतिष शास्त्र में शनिदेव को न्यायाधीश कहा गया है यानी न्याय करने वाला देवता। धर्म ग्रंथों के अनुसार, मनुष्यों को उनके अच्छे-बुरे कर्मों का फल शनिदेव ही प्रदान करते हैं। वैसे तो शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए हर शनिदेव को उनकी पूजा करनी चाहिए, लेकिन शनिश्चरी अमावस्या (Shani Amavasya 2022) पर की गई पूजा बहुत ही शुभ फल प्रदान करती है। इस बार 27 अगस्त को शनिश्चरी अमावस्या का ही शुभ योग बन रहा है। इस दिन शिव और पद्म नाम के 2 शुभ योग भी रहेंगे।

इस विधि से करें शनिदेव की पूजा 
- शनिश्चरी अमावस्या की सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद व्रत और पूजा का संकल्प लें। इसके बाद किसी साफ स्थान पर शनिदेव की मूर्ति या चित्र स्थापित करें। 
- इसके बाद सरसों या तिल के तेल से शनिदेव का अभिषेक करें। इसके बाद शनिदेव पर काले तिल, काली उड़द, लोहे का टुकड़ा या कील आदि चीजें चढ़ाएं।
- इस दौरान शनि मंत्रों का जाप करते रहें- ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम:। शनिदेव को नीले फूले की माला पहनाएं और उड़द व चावल की खिचड़ी का भोग लगाएं।
- इसके बाद शनिदेव की आरती करें। इस विधि से शनिदेव की पूजा करने से हर परेशानी दूर हो सकती है और बिगड़े काम बन सकते हैं।
- संभव हो तो इसके बाद हनुमानजी के दर्शन भी करें और जरूरतमंदों को अपनी इच्छा अनुसार दान करें। संभव हो तो उपवास भी रख सकते हैं।

भगवान शनिदेव की आरती
जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी।
सूर्य पुत्र प्रभु छाया महतारी॥
जय जय श्री शनि देव....
श्याम अंग वक्र-दृष्टि चतुर्भुजा धारी।
नीलाम्बर धार नाथ गज की असवारी॥
जय जय श्री शनि देव....
क्रीट मुकुट शीश राजित दिपत है लिलारी।
मुक्तन की माला गले शोभित बलिहारी॥
जय जय श्री शनि देव....
मोदक मिष्ठान पान चढ़त हैं सुपारी।
लोहा तिल तेल उड़द महिषी अति प्यारी॥
जय जय श्री शनि देव....
देव दनुज ऋषि मुनि सुमिरत नर नारी।
विश्वनाथ धरत ध्यान शरण हैं तुम्हारी॥
जय जय श्री शनि देव भक्तन हितकारी।।

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