सार

माघ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को षट्तिला एकादशी कहते हैं। इस बार ये एकादशी 20 जनवरी, सोमवार को है।

उज्जैन. इस दिन मुख्य रूप से भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। धर्म ग्रंथों के अनुसार, इस दिन तिल का उपयोग 6 कामों में करने का विधान है। ये 6 काम और इनका महत्व इस प्रकार है-

तिलस्नायी तिलोद्वार्ती तिलहोमी तिलोद्की।
तिलभुक् तिलदाता च षट्तिला: पापनाशना:।।

अर्थात- इस दिन तिलों के जल से स्नान, तिल का उबटन, तिल से हवन, तिल मिले जल को पीने, तिल का भोजन तथा तिल का दान करने से समस्त पापों का नाश हो जाता है।

1. तिल मिले जल से स्नान
ठंड के मौसम में त्वचा रूखी हो जाती है। तिले मिले पानी से स्नान करने से त्वचा चमकदार और कोमल हो जाती है।

2. तिल का उबटन
तिल का उबटन लगाने से त्वचा संबंधी रोग दूर हो जाते हैं।

3. तिल मिला जल पीना
तिल मिला पानी पीने से पाचन तंत्र ठीक रहता है और अनिंद्रा में भी राहत मिलती है।

4. तिल का भोजन
ठंड में तिल से बनी चीजें खाने से शरीर को पर्याप्त गर्मी व ऊर्जा मिलती है।

5. तिल का दान
धर्म ग्रंथों के अनुसार, तिल का दान करने से पापों का नाश होता है और भगवान विष्णु अपने भक्तों पर प्रसन्न होते हैं।

6. तिल से हवन
तिल से हवन करने पर वायुमंडल सुगंधित होता है और बैक्टीरिया नष्ट होते हैं।