सार
हिंदू पंचांग के अनुसार हर महीने में दो बार त्रयोदशी तिथि आती है। इस तिथि पर भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए व्रत किया जाता है। इस बार 9 नवंबर, शनिवार को शनि प्रदोष का योग बन रहा है।
उज्जैन. ज्योतिषाचार्य पं. प्रफुल्ल भट्ट के अनुसार, जिन लोगों की कुंडली में इस समय शनि की साढेसाती या ढय्या का प्रभाव है, वे यदि इस दिन शनिदेव को प्रसन्न करने के उपाय करें तो उनकी परेशानियां कुछ कम हो सकती हैं।
इन पर है शनि की साढेसाती और ढय्या
वर्तमान में शनि धनु राशि में है। इस समय वृश्चिक, धनु और मकर राशि पर शनि का साढ़ेसाती का प्रभाव है। वहीं वृषभ और कन्या राशि ढय्या से पीड़ित है। अन्य लोग भी शनि प्रदोष का फायदा उठाकर शनिदेव की कृपा प्राप्त कर सकते हैं। धर्म ग्रंथों के अनुसार इस दिन पवित्र नदी में स्नान कर दान करने का भी विशेष महत्व है। इससे भी शनिदेव प्रसन्न होते हैं।
1. शनिवार की सुबह स्नान आदि करने के बाद शनिदेव की पूजा करें और सिर्फ 1 मंत्र 11 बार बोलें- ऊँ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम:।
2. पीपल के पेड़ पर 1 लोटा पानी चढ़ाएं और 5 परिक्रमा करें। परिक्रमा के दौरान शनिदेव का नाम लेते रहें।
3. शनिवार को अगर कोई कुष्ठ रोगी दिख जाए तो उसे कुछ खाने को दें या फिर पैसे भी दे सकते हैं। कुष्ठ रोगी न दिखे तो किसी भिखारी को भोजन करवा दें।
4. शनिवार की शाम को हनुमानजी के मंदिर जाएं और हनुमान चालीसा का पाठ करें। इस उपाय से भी शनिदेव प्रसन्न होते हैं।
5. शनिवार को पूरे दिन व्रत रखें और शाम को शनिदेव की पूजा करें। उड़द दाल की खिचड़ी का भोग लगाएं। स्वयं भी वही खाएं।