सार
आज (27 फरवरी, रविवार) फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी है। इसे विजया एकादशी (Vijaya Ekadashi 2022) कहते हैं। विजया एकादशी में व्रत रखते हुए भगवान विष्णु की पूजा-आराधना विधि विधान से किया जाता है।
उज्जैन. मान्यता है जो भी इस व्रत रखते हुए भगवान विष्णु के नाम का जाप करता है उसको हर एक कार्य में विजय की प्राप्ति होती है। विजया एकादशी (Vijaya Ekadashi 2022 Vrat Method) पर भगवान विष्णु का कथा सुनी जाती है जिससे मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस दिन असर कुछ खास उपाय किए जाएं तो हर मनोकामना पूरी हो सकती है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रफुल्ल भट्ट के जानिए इस दिन कौन-से उपाय किए जा सकते हैं…
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1. एकादशी पर तुलसी पूजा अति लाभकारी है। तुलसी को गाय के शुद्ध घी का दीपक जलाएं और आरती करें। संभव को हो तो तुलसी नामाष्टक का पाठ भी करें।
2. विजया एकादशी पर दक्षिणावर्ती शंख की पूजा करें। बाद में इसी शंख में गाय का दूध लेकर भगवान विष्णु की प्रतिमा का अभिषेक करें। इससे घर में धन-धान्य की कमी नहीं होती।
3. एकादशी पर भगवान विष्णु व माता लक्ष्मी की विधिवत पूजा करें और पीले फल, अन्न और पीले वस्त्र चढ़ाएं। बाद में ये सभी चीजें जरूरतमंदों को दान कर दें।
4. विजया एकादशी पर मोती शंख की पूजा करें और इसे लाल कपड़े में बांधकर अपने धन स्थान जैसे तिजोरी आदि में रख दें। इससे घर में बरकत बनी रहेगी।
5. विजया एकादशी के दिन किसी विष्णु मंदिर में पीले पुष्प की माला अर्पित करें, साथ ही भगवान विष्णु को तुलसी के पत्तों वाली केसरयुक्त खीर का भोग लगाएं।
6. एकादशी की सुबह पीपल के पेड़ की पूजा करें, पेड़ की जड़ में कच्चा दूध चढ़ाएं और घी का दीपक जलाएं। सके बाद पीपल की 7 परिक्रमा करें।
7. एकादशी के दिन निर्जला व्रत करना चाहिए। व्रत का संकल्प लें और अगले दिन ब्राह्मणों को भोजन करवाने के बाद ही स्वयं भोजन करें।
8. एकादशी पर सुहागिन स्त्रियों को घर पर भोजन के लिए आमंत्रित करें। उन्हें फलाहार करवाएं और सुहाग की सामग्री भेंट करें। इससे देवी लक्ष्मी की कृपा आप पर बनी रहेगी।
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