सार

हिंदू धर्म में भगवान श्रीगणेश को प्रसन्न करने के लिए कई व्रत किए जाते हैं। विनायकी चतुर्थी (Vinayaki Chaturthi 2022) भी इनमें से एक है। ये व्रत प्रत्येक महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को किया जाता है। इस बार ये व्रत 4 मई, बुधवार को है।

उज्जैन. बुधवार को चतुर्थी तिथि होने से इसका महत्व और भी बढ़ गया है क्योंकि ये तिथि और वार दोनों ही भगवान श्रीगणेश को प्रिय हैं। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार, विनायकी चतुर्थी का व्रत करने से जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है। बुधवार को मृगशिरा नक्षत्र होने से इस दिन अमृत और सवार्थसिद्धि नाम के 2 शुभ योग बन रहे हैं। इन दोनों शुभ योगों में पूजा आदि करने से हर मनोकामना पूरी हो सकती है। आगे जानिए विनायकी चतुर्थी पर कैसे करें भगवान श्रीगणेश की पूजा…

इस विधि से करें विनायकी चतुर्थी की पूजा और व्रत (Vinayaki Chaturthi Puja Method)
विनायकी चतुर्थी की सुबह स्नान आदि करने के बाद घर के मंदिर में गणेश जी की प्रतिमा पर शुद्ध जल, पंचामृत अर्पित करें। इसके बाद फिर से शुद्ध जल चढ़ाएं। हार-फूल, जनेऊ, चावल आदि चीजें चढ़ाएं। हरे वस्त्र अर्पित करें। मिठाई का भोग लगाएं। धूप-दीप जलाएं और आरती करें। गणेश जी को दूर्वा के जोड़े बनाकर चढ़ाना चाहिए, साथ ही शमी पत्ते भी जरूर अर्पित करें। इसके बाद इन 11 मंत्रों का जाप करें-
ऊँ गं गणपतेय नम:, ऊँ गणाधिपाय नमः, ऊँ उमापुत्राय नमः, ऊँ विघ्ननाशनाय नमः, ऊँ विनायकाय नमः, ऊँ ईशपुत्राय नमः, ऊँ सर्वसिद्धिप्रदाय नमः, ऊँ एकदन्ताय नमः, ऊँ इभवक्त्राय नमः, ऊँ मूषकवाहनाय नमः, ऊँ कुमारगुरवे नमः।

ये उपाय करने से पूरी हो सकती है आपकी मनोकामना 
1.
विनायकी चतुर्थी पर समीप स्थित किसी गणेश में मंदिर में दर्शन करने जाएं और वहां की साफ-सफाई करें। अगर प्रतिमा सिंदूर की हो तो चोला भी चढ़ाएं। मंदिर के बाहर बैठने वाले भिक्षुकों को भोजन आदि का दान करें। इससे शुभ फल मिलते हैं।
2. विनायकी चतुर्थी की शाम को भगवान श्रीगणेश की विधि-विधान से पूजा करें और इसके बाद उसी स्थान पर बैठकर ऊं गणेशाय नम: मंत्र का 11 माला जाप करें। अंत में 11 शुद्ध घी के दीपकों से भगवान की आरती करें। इससे परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है। 
3. बुधवार और चतुर्थी के शुभ योग में किसी गणेश मंदिर में केसरिया ध्वज लगवाएं। इससे आपको मान-सम्मान मिलेगा।

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