सार
धर्म ग्रंथों के अनुसार, मनुष्य का शरीर पंच तत्वों (वायु, अग्नि, पृथ्वी, जल और आकाश) से बना है। इन सभी में जल को सबसे अधिक महत्वपूर्ण माना गया है क्योंकि जल के बिना जीवन संभव ही नहीं है। यही कारण है हिंदू धर्म में की जाने वाली पूजा-पाठ आदि में भी लोटे में जल जरूर रखा जाता है।
उज्जैन. धर्म ग्रंथों के अनुसार, मनुष्य का शरीर पंच तत्वों (वायु, अग्नि, पृथ्वी, जल और आकाश) से बना है। इन सभी में जल को सबसे अधिक महत्वपूर्ण माना गया है क्योंकि जल के बिना जीवन संभव ही नहीं है। यही कारण है हिंदू धर्म में की जाने वाली पूजा-पाठ आदि में भी लोटे में जल जरूर रखा जाता है। शास्त्रों के अनुसार, जल के स्वामी वरुणदेव हैं। भगवान श्रीगणेश को भी जल का देवता कहा जाता है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रफुल्ल भट्ट के अनुसार, पानी से जुड़े कुछ ज्योतिषीय उपाय इस प्रकार हैं-
1. अगर आपकी कुंडली में राहु ग्रह अशुभ स्थान पर हैं तो किसी कांटे वाले पौधे में रोज एक लोटा पानी डालें। इससे आप अशुभ परिणाम से बच सकते हैं।
2. शनि से जुड़ा दोष दूर करने के लिए लोटे में पानी लेकर उसमें कुछ बूंदें सरसों के तेल की और थोड़े नीले फूल मिला लें। अब इसे पीपल के पेड़ पर चढ़ा दें। इस उपाय से भी शनि का दोष दूर हो सकता है और परेशानियां कम हो सकती हैं।
3. यदि आप मांगलिक हैं तो एक लोटे में पानी लेकर उसमें चंदन, तुलसी, दूध और शहद मिलाकर किसी फलदार पेड़ चढ़ाएं। इससे मांगलिक दोष में कमी आ सकती है।
4. शिवलिंग पर तांबे के लोटे से जल और वही जल अपने शरीर पर छिड़कें। इससे राहु-केतु से जुड़े दोष दूर होते हैं।
5. रोज सुबह भगवान सूर्य को तांबे के लोटे से जल चढ़ाने से चेहरे का तेज और आत्मविश्वास बढ़ने के साथ ही सफलता भी मिलने लगती है।